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भूपेंद्र पटेल सरकार का बड़ा फैसला; गुजरात पुलिस की मदद के लिए नियुक्त होंगे फॉरेंसिक क्राइम सीन मैनेजर

Gujarat Government Big Decision: गुजरात में FSL कवरेज बढ़ाने के साथ ही राज्य के सभी 112 SDPO और ACP कार्यालयों में फॉरेंसिक सीन मैनेजर की नियुक्ति की जाएगी।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Dec 21, 2024 18:56
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Gujarat Government Big Decision
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Gujarat Government Big Decision: गुजरात के सभी 112 एसडीपीओ/एसीपी कार्यालयों में ‘फॉरेंसिक क्राइम सीन मैनेजर’ नियुक्त करने की ऐतिहासिक पहल की है। गुजरात पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके से जांच कर सजा दर बढ़ाने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

भारतीय न्यायिक संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई-2024 से पूरे देश में लागू हो गए हैं। तीनों नए कानून जांच प्रोसेस में वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करने पर विशेष जोर देने के साथ फोरेंसिक विज्ञान के अधिकतम उपयोग का प्रावधान करते हैं।

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जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व और गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी के मार्गदर्शन में सभी 112 एसडीपीओ (उपविभागीय पुलिस अधिकारी) में ‘फॉरेंसिक क्राइम सीन मैनेजर’ नियुक्त करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

राज्य पुलिस प्रमुख विकास सहाय ने कहा है कि गुजरात पुलिस और फॉरेंसिक साइंसेज निदेशालय द्वारा संयुक्त रूप से की गई यह पहल बहुत महत्वपूर्ण है, इसके ऐतिहासिक परिणाम भविष्य में देखने को मिलेंगे। पिछले कुछ समय से गुजरात राज्य में दोष सिद्धि दर बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं और वर्तमान में अपराध दर सुधार परियोजना चल रही है। इसी प्रयास के तहत सभी एसडीपीओ/एसीपी कार्यालयों में ‘क्राइम सीन मैनेजर’ नियुक्त करने का फैसला लिया गया है।

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फोरेंसिक क्राइम सीन मैनेजर की व्यवस्था

राज्य में होने वाले सभी प्रकार के गंभीर अपराधों की जांच की निगरानी के लिए जिलों में एसडीपी और शहरों में एसीपी जिम्मेदार हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के रूप में, गंभीर अपराधों का पर्यवेक्षण करते समय, एसडीपीओ/एसीपी अपराध स्थल का दौरा करते हैं और जांच अधिकारी को वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।

इस जिम्मेदारी के उचित निर्वहन के लिए उनकी सहायता के लिए फोरेंसिक क्राइम सीन मैनेजरों की व्यवस्था की गई है, जो फोरेंसिक विज्ञान में एक्सपर्ट और प्रशिक्षित हैं। यह फैसला किसी भी अपराध के होने पर फॉरेंसिक क्राइमसीन मैनेजर की मदद से वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करने और आरोपियों को सजा दिलाने तथा पीड़ितों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से लिया गया है। इस पहल से निश्चित रूप से भविष्य में गंभीर अपराधों की सजा दर में बढ़ोतरी होगी।

इन सभी 112 ‘फॉरेंसिक अपराध दृश्य प्रबंधकों’ को गांधीनगर, सूरत और राजकोट में फॉरेंसिक विज्ञान लेबोरेटरी में फॉरेंसिक विज्ञान निदेशालय के एक्सपर्ट द्वारा विशेष रूप से प्रशिक्षित करने की व्यवस्था की गई है। इसमें अपराध स्थल प्रबंधन, भौतिक साक्ष्य का महत्व और हिरासत की श्रृंखला, अपराध स्थल जांच प्रक्रिया, विशिष्ट प्रकार के नमूनों के लिए दिशानिर्देश, ई-साक्ष्य और डिजिटल साक्ष्य का उपयोग सहित अलग-अलग अपराध स्थल से संबंधित विषयों को शामिल किया जाएगा।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Dec 21, 2024 06:56 PM

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