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Amritpal Surrender: खालिस्तानी नेता अमृतपाल को डिब्रूगढ़ जेल किया जाएगा शिफ्ट, साथी पहले से हैं यहां कैद

Amritpal Surrender: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को शनिवार देर रात गिरफ्तार किए जाने के बाद उसे असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल ले जाया जा रहा है। अमृतपाल के करीबी पप्पलप्रीत समेत उसके कई साथियों को यहां के जेल में रखा गया है। बता दें कि अमृतपाल पिछले 36 दिनों से फरार था। ‘वारिस पंजाब दे’ […]

Author Published By : Om Pratap Updated: Apr 23, 2023 10:07
Khadoor Sahib Punjab Lok Sabha Election Result 2024
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Amritpal Surrender: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को शनिवार देर रात गिरफ्तार किए जाने के बाद उसे असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल ले जाया जा रहा है। अमृतपाल के करीबी पप्पलप्रीत समेत उसके कई साथियों को यहां के जेल में रखा गया है। बता दें कि अमृतपाल पिछले 36 दिनों से फरार था। ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने मोगा जिले से गिरफ्तार किया है।

अमृतपाल 18 मार्च से फरार था। इसके बाद पुलिस लगातार अमृतपाल की तलाश में जुटी थी। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा 11 मार्च को संभावित जेलब्रेक और अजनाला की घटना को दोहराने पर चिंता जताए जाने के बाद अमृतपाल सिंह के सहयोगियों को पंजाब से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया था।

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शनिवार को ही अमित शाह ने दिया था ये बयान

इससे पहले शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जब अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी और लंबे समय से फरार होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि उसे गिरफ्तार कर लिया जाए।” बता दें कि पंजाब और दिल्ली पुलिस के एक संयुक्त अभियान में 18 अप्रैल को ‘वारिस पंजाब डे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह के दो और सहयोगियों को पंजाब के मोहाली में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले 15 अप्रैल को पंजाब पुलिस ने उसके करीबी सहयोगी जोगा सिंह को फतेहगढ़ साहिब जिले के सरहिंद से गिरफ्तार किया।

पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को भगोड़ा किया था घोषित

कट्टरपंथी नेता को भगोड़ा घोषित किया गया था। अमृतपाल पर पंजाब पुलिस ने NSA भी लगाया है। अमृतपाल को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी। पंजाब पुलिस ने उसे दबोचने के लिए देशभर समेत नेपाल बॉर्डर तक ऑपरेशन चलाए थे। इस दौरान अमृतपाल लगातार पुलिस के हाथों से बचता रहा, हालांकि इस दौरान उसके कई वीडियो और फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते थे।

बता दें कि अमृतपाल के गिरफ्त में न आ पाने से नाराज पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने भी पंजाब पुलिस को फटकार भी लगाई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि जब खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल के साथियों को जब धर दबोचा गया तो पुलिस उस तक कैसे नहीं पहुंच पाई?

कौन है अमृतपाल और क्या है अजनाला मामला?

वारिस पंजाब दे का चीफ अमृतपाल सिंह सबसे पहले 23 फरवरी को चर्चा में आया। उसने पंजाब के अजनाला थाना में बंद अपने साथी को छुड़ाने के लिए पुलिस पर हमला कर दिया था। मामले के बाद उसके साथी को पंजाब पुलिस ने छोड़ दिया था। 23 फरवरी की इसी घटना के मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया था। उधर, अजनाला कांड के बाद कई इंटरव्यू में अमृतपाल ने अलग ‘खालिस्तानी देश’ की मांग की थी। इंटरव्यू के दौरान ही उसने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी धमकी दी थी।

18 मार्च को पुलिस ने खालिस्तानी नेता को पकड़ने के लिए शुरू की थी छापेमारी

अमृतपाल को पुलिस ने पकड़ने के लिए 18 मार्च को छापेमारी शुरू की थी। उसे पकड़ने के लिए सात जिलों की पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी। इस दौरान अमृतपाल लगातार भागता रहा। इसे देखते हुए पंजाब पुलिस ने उसे भोगड़ा घोषित कर दिया था और उसके खिलाफ ‘राष्ट्रीय सुरक्षा कानून’ के तहत मामला दर्ज किया था।

बता दें कि ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का चीफ अमृतपाल अलग देश खालिस्तान की मांग कर रहा था। चर्चा में आने से कुछ महीने पहले ही वह दुबई से लौटा था। वारिस संगठन दे स को पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू ने बनाया था। सड़क हादसे में दीप की मौत के बाद अमृतपाल ने इस संगठन पर कब्जा कर लिया था और दुबई से भारत आने के बाद लोगों को संगठन से जोड़ने लगा था।

First published on: Apr 23, 2023 09:28 AM

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