नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद दो हफ्तों के अंदर अपनी नई राजनीतिक पार्टी का गठन करेंगे। गुलाम नबी आजाद के करीबी जीएम सरूरी ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद अपनी पार्टी शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सरूरी ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर की 5 अगस्त, 2019 से पहले की स्थिति की बहाली पार्टी के घोषणापत्र का हिस्सा होगी।
सरूरी ने कहा- भाजपा के इशारों पर काम करने का सवाल ही नहीं
सरूरी उन पांच नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। सरूरी ने कहा कि गुलाम नबी आजाद वैचारिक रूप से धर्मनिरपेक्ष हैं और उनके भाजपा के इशारे पर काम करने का कोई सवाल ही नहीं है।
आजाद के समर्थन में सैंकड़ों नेताओं-कार्यकर्ताओं ने दिया इस्तीफा: सरूरी
उन्होंने यह भी दावा किया कि गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद सैकड़ों वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं, पंचायती राज संस्था के सदस्यों और प्रमुख कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के पूर्व उपाध्यक्ष सरूरी ने कहा, ‘आजाद नई पार्टी शुरू करने से पहले अपने शुभचिंतकों से विचार-विमर्श करने के लिए चार सितंबर को जम्मू आ रहे हैं।’
उन्होंने कहा, “हमें खुशी है कि वह जम्मू-कश्मीर लौट रहे हैं जहां उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में (2 नवंबर, 2005 से 11 जुलाई, 2008 तक) काम किया। लोग उनके शासन को एक स्वर्ण युग के रूप में देखते हैं और चाहते हैं कि वह जम्मू-कश्मीर के पहले की स्थिति को वापस लाएं।”
आजाद के पार्टी छोड़ने के बाद जम्मू-कश्मीर से खत्म हो चुकी है कांग्रेस: सरूरी
सरूरी ने कहा कि नई पार्टी समाज के सभी वर्गों के बीच विकास, एकता पर ध्यान केंद्रित करेगी और 5 अगस्त, 2019 से पहले की स्थिति की बहाली के लिए संघर्ष करेगी। बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। सरूरी ने कहा कि आजाद के जाने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस लगभग खत्म हो चुकी है।
सरूरी बोले- आप उस पार्टी में कैसे रह सकते हैं जहां आपका अपमान हो
कांग्रेस के उस बयान का जिक्र करते हुए जिसमें उन्होंने आजाद पर उनके इस्तीफे के बाद भाजपा के साथ ‘सहयोग’ करने का आरोप लगाया था, सरूरी ने कहा कि गुलाम नबी आजाद एक धर्मनिरपेक्ष नेता हैं जिन्होंने पिछले पांच दशकों में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम किया। हम सभी ने कांग्रेस को अपना खून-पसीना दिया है, लेकिन आप उस पार्टी में कैसे रह सकते हैं जो आपका अपमान कर रही है।
बता दें कि शुक्रवार को अपने इस्तीफे के कुछ घंटों बाद आजाद ने कहा था कि वह जल्द ही एक नई पार्टी शुरू करेंगें। भद्रवाह शहर के रहने वाले आजाद ने कहा, “मुझे अभी कोई राष्ट्रीय पार्टी शुरू करने की कोई जल्दी नहीं है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए मैंने जल्द ही वहां एक इकाई शुरू करने का फैसला किया है।”