नई दिल्ली: रोजाना सुबह स्कूल विजिट कर बच्चों व शिक्षकों से मिलकर अपने दिन की शुरुआत करने की श्रृंखला को जारी रखे हुए शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने सर्वोदय को-एड स्कूल, आई.पी. एक्सटेंशन में सुबह 8 बजे मोर्निंग असेंबली में शामिल होकर बच्चों के साथ संवाद किया|
शिक्षा मंत्री ने बच्चों से उनके करियर को लेकर सवाल किए साथ ही केजरीवाल सरकार के तीनों फ्लैगशिप करिकुलम को लेकर बच्चों के अनुभवों को जाना| इस मौके पर श्री सिसोदिया ने कहा कि पिछले 7 सालों में दिल्ली सरकार के स्कूल शानदार हो गए है और यहां बच्चों को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है| जिससे पिछले कई वर्षों में हमारे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का आत्मविश्वास काफी बढ़ा है|
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श्री सिसोदिया ने कहा कि यह बेहद गर्व और ख़ुशी की बात कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों ने बड़े सपने देखने शुरू कर दिए है| हमारे बच्चे हार्ट सर्जन, स्पेस साइंटिस्ट, एथलीट, राजनेता, एंत्रप्रेन्योर,टीचर, आई.ए.एस ऑफिसर बनने का न केवल सपना देख रहे है बल्कि उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत भी कर रहे है|
करियर पर चर्चा के दौरान बच्चों ने शिक्षामंत्री के साथ साझा किया कि देशभक्ति करिकुलम से करियर को लेकर हमारे सोच में काफी बदलाव आया है| बच्चों ने बताया कि पहले हम करियर को लेकर हमारा विज़न केवल रोजगार प्राप्त करने को लेकर था लेकिन अब यह बदला है| अब हम करियर के बारे में सोचते है तो इस बात का भी ध्यान रखते है कि कैसे हमारा करियर देश को प्रभावित करेगा और जब देश ने हमें इतना कुछ दिया है तो कैसे हम देश को वापस कुछ दे सकते है|
इसपर श्री सिसोदिया ने कहा कि बच्चों के अंदर आया यह बदलाव दिखा रहा है कि मात्र 1 साल के अंदर देशभक्ति करिकुलम से कितना बच्चों के व्यवहार और सोच में कितना परिवर्तन आया आया है| अब हमारे स्टूडेंट्स में कहने और मानने लगे है कि, देशभक्ति देश की रक्षा और देश की सेवा सरहद पर खड़े होने के साथ-साथ बेरोजगारी का समाधान ढूंढने, निरक्षरता ख़त्म करने, गरीबी दूर करना भी है|
बच्चों ने शिक्षामंत्री से संवाद में कहा, “हैप्पीनेस करिकुलम से सीखा कैसे खुश रहने के लिए दिमाग से नकारात्मक बातों को दूर रखे
संवाद के दौरान आठवीं के एक स्टूडेंट्स ने शिक्षामंत्री को बताया कि हैप्पीनेस करिकुलम और उसके तहत करवाए जाने वाली माइंडफुल की एक्टिविटी ने उसे तनाव से दूर रहकर खुश होना सिखाया है| बच्चे ने बताया कि माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस से उसने ये सीखा है कि कैसे खुद को नकारात्मक बातों से दूर रखा जा सकता है|
इसपर श्री सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के शिक्षा क्रांति की यही उपलब्धि है कि हमने न केवल स्कूलों के भौतिक ढांचे को वर्ल्ड क्लास बनाया है बल्कि हम माइंडसेट पर काम कर आने वाल पूरी पीढ़ी को सशक्त बना रहे है| और बच्चों के व्यवहार में आए परिवर्तन इसी क्रांति और टीम एजुकेशन की मेहनत का परिणाम है|
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