नई दिल्ली: झारखंड की उपराजधानी दुमका में जिंदा जलाकर लड़की की हत्या के मामले में एक और खुलासा हुआ है। राज्य में बाल कल्याण समिति ने कहा है कि पीड़िता 15 साल की थी, न कि 19 साल की, जैसा कि पहले कहा गया था। पैनल ने इस मामले में यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत आरोप जोड़े जाने के लिए भी कहा है।
अभी पढ़ें – नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, बिहार के कानून मंत्री का विभाग बदला, जानें पूरा मामला
दुमका जनसंपर्क कार्यालय ने एक बयान में कहा, “झारखंड बाल कल्याण समिति ने एसपी को मामले में पॉक्सो अधिनियम के तहत धाराएं जोड़ने की सिफारिश की है। समिति ने पाया कि मृतक 15 साल की थी, न कि 19 जैसा कि पुलिस ने अपने दर्ज बयान में उल्लेख किया है।”
मृत छात्रा के पिता ने भी कहा कि मेरी बेटी की उम्र 16 साल थी। पुलिस जब मेरी बेटी का बयान ले रही थी तब वह झुलसने के कारण अच्छी तरह से बोल नहीं रही थी। पुलिस को मेरी बेटी की उम्र के संंबंध में उसका आधार कार्ड और दसवीं कक्षा का प्रमाण पत्र दिया गया है।
दुमका सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष ने कहा…
दुमका सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने बताया कि हमें मीडिया के माध्यम से पता चला कि लड़की ने कहा था कि वह 19 साल की है। हमें नहीं पता कि क्या हुआ था, मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज किया गया था। इसलिए, यह केवल मजिस्ट्रेट ही कह सकते हैं कि लड़की ने उस समय क्या कहा था।
अभी पढ़ें – कंधे पर चारपाई रख सिपाहियों ने घायल को अस्पताल पहुंचाया, SP ने बड़ा इनाम
23 अगस्त को शाहरुख के रूप में पहचाने जाने वाले आरोपी ने 12वीं की छात्रा के कमरे में पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। छात्रा उस वक्त कमरे में सो रही थी। आग लगने के बाद छात्रा 90 फीसदी तक झुलस गई थी। उसे इलाज के लिए पहले दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था जहां से बेहतर इलाज के लिए रांची रिम्स रेफर किया गया था। पांच दिनों तक चले इलाज के बाद 28 अगस्त को छात्रा की मौत हो गई थी।
अभी पढ़ें – देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें
Click Here – News 24 APP अभी download करें