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दिल्ली

Delhi: इस साल नहीं होगा 300 साल पुराना ‘फूल वालों की सैर’ फेस्टिवल, क्या DDA ने नहीं दी परमिशन?

मुगल जमाने का मशहूर त्योहार 'फूल वालों की सैर', जो दिल्ली की मिली-जुली संस्कृति और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए जाना जाता है, इस साल नहीं होगा. आयोजकों ने कहा कि वे यह सालाना कार्यक्रम आयोजित नहीं कर पाए क्योंकि दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) ने महरौली के आम बाग में जगह के लिए परमिशन नहीं दी.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Versha Singh Updated: Nov 7, 2025 07:34

मुगल जमाने का मशहूर त्योहार ‘फूल वालों की सैर’, जो दिल्ली की मिली-जुली संस्कृति और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए जाना जाता है, इस साल नहीं होगा. आयोजकों ने कहा कि वे यह सालाना कार्यक्रम आयोजित नहीं कर पाए क्योंकि दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) ने महरौली के आम बाग में जगह के लिए परमिशन नहीं दी.

TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने दावा किया कि DDA और वन विभाग के बीच जमीन को लेकर कन्फ्यूजन की वजह से क्लीयरेंस प्रोसेस रुक गया.

आयोजकों ने अथॉरिटी के बीच कन्फ्यूजन को जिम्मेदार ठहराया

फेस्टिवल को मैनेज करने वाली अंजुमन सैर-ए-गुल फरोशान के प्रतिनिधियों ने कहा कि पार्क को पहले भी इस्तेमाल के लिए क्लियर किया गया था, लेकिन इस बार दोनों डिपार्टमेंट एक-दूसरे पर ओनरशिप का आरोप लगा रहे थे. अंजुमन के वाइस-प्रेसिडेंट विनोद वत्सा ने कहा, ‘इस झगड़े से तंग आकर हमने इस साल फेस्टिवल न करने का फैसला किया है.’

1812 में शुरू हुआ ऐतिहासिक त्योहार, 1962 में फिर से शुरू हुआ

फूल वालों की सैर 1812 में मुगल बादशाह अकबर शाह II के शासनकाल में शुरू हुई थी. यह 1942 तक चली, जिसके बाद अंग्रेजों ने इसे बंद कर दिया. अंजुमन ने केंद्र सरकार के सहयोग से 1962 में इसे फिर से शुरू किया और तब से हर साल इसे जहाज़ महल के पास पार्क में आयोजित किया जाता है.

अंजुमन की जनरल सेक्रेटरी उषा कुमार ने कहा, ‘1962 से, सभी सरकारी एजेंसियां, खासकर DDA, फेस्टिवल ऑर्गनाइज करने में हमारा पूरा साथ दे रही हैं. हालांकि, पिछले साल अथॉरिटी ने आम बाग में झूले मेले की इजाजत नहीं दी, जबकि 1974 में इसी जगह के लिए मंजूरी दी गई थी. इस साल भी उसने मंजूरी नहीं दी. यह दिल्ली की कल्चरल यूनिटी की भावना के लिए एक नुकसान है.’

उन्होंने आगे कहा कि कुश्ती, कबड्डी, पेंटिंग प्रतियोगिताएं और मेला जैसे पारंपरिक कार्यक्रम दशकों से इस जगह पर आयोजित किए जा रहे हैं.

पिछले साल आखिरी समय में हुई थी रुकावट

73 साल के वत्सा ने कहा, ‘पिछले साल, DDA ने इवेंट से ठीक एक दिन पहले परमिशन वापस ले ली थी, फिर भी हमने किसी तरह छोटा-मोटा इवेंट ऑर्गनाइज किया था. ऐसा दोबारा न हो, इसलिए हमने इस मार्च में उनसे बात करना शुरू किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.’ वह 45 सालों से इस फेस्टिवल से जुड़े हुए हैं. उनके पिता भी इसे शुरू करने वाले सदस्यों में से थे.

वन विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि आम बाग DDA का है और फेस्टिवल से जुड़ा कोई भी कम्युनिकेशन हाल ही में नहीं हुआ है. अथॉरिटी के अधिकारियों ने संपर्क करने पर कमेंट करने से मना कर दिया.

अंजुमन ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का लेवल भी आउटडोर इवेंट्स की प्लानिंग में अनिश्चितता पैदा करता है. उसने बताया कि यह फेस्टिवल, जो असल में 2 नवंबर को होने वाला था, अगर DDA इजाजत देता है तो इसे मार्च 2026 में शिफ्ट किया जा सकता है.

First published on: Nov 07, 2025 07:34 AM

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