राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण को लेकर बयान जारी किया है। एनआईए ने अपने बयान में बताया कि किस तरह से तहव्वुर राणा का सफलतापूर्वक प्रत्यर्पण किया गया और अब भारत में उसके खिलाफ ट्रायल चलेगा। यूएस कोर्ट के आदेश के करीब 2 साल बाद मुंबई अटैक के आतंकी को भारत लाया गया।
एनआईए ने कहा कि भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत शुरू की गई कार्रवाई के तहत तहव्वुर राणा को अमेरिका में न्यायिक हिरासत में रखा गया था। राणा ने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए कानूनी अड़गे डाले थे, लेकिन आखिरकार उसे भारत लाने का रास्ता साफ हो गया।
कैलिफोर्निया की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 16 मई 2023 को तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। इसके खिलाफ राणा ने नौवीं सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में रिट दायर की, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दी। भारत की सुरक्षा एजेंसी द्वारा अमेरिकी सरकार से राणा के लिए सरेंडर वारंट हासिल करने के बाद दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण की कार्रवाई हुई।
एनआईए ने यूएस स्काई मार्शल ‘यूएसडीओजे’ की सक्रिय सहायता से तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को अंजाम दिया, जिसमें भारत के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने मामले को सफल निष्कर्ष तक ले जाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय किया। तहव्वुर राणा पर डेविड हेडली उर्फ दाउद गिलानी और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) एवं हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी (एचयूजेआई) के आतंकवादियों के साथ मिलकर 2008 में मुंबई में आतंकी हमले को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है। इस आतंकी हमलों में कुल 166 लोग मारे गए और 238 से अधिक घायल हुए।