New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा को उनकी गिरफ्तारी पर बड़ी राहत दी है। अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है। साथ ही असम, लखनऊ और वाराणसी में दर्ज एफआईआर को एक ज्यूरिडिक्शन में लाने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि तीनों FIR की सुनवाई एक जगह होगी।
यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने दिया। कोर्ट ने असम और यूपी सरकार को भी नोटिस जारी किया है। साथ ही तीन जगह दर्ज केस को एक न्याय क्षेत्र में लाने को लेकर सवाल किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने असम, यूपी पुलिस को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की FIR को एक साथ करने की याचिका पर नोटिस जारी किया।SC ने सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ता को द्वारका कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
SC ने द्वारका कोर्ट को खेड़ा को अंतरिम राहत देने का निर्देश दिया। pic.twitter.com/i7IIlanZ30
---विज्ञापन---— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 23, 2023
35 मिनट सुनवाई के बाद कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत
दरअसल, अभिषेक मनु सिंघवी की याचिका पर गुरुवार की दोपहर तीन बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। असम सरकार की तरफ से एएसजी एश्वर्या भाटी ने मामले की पैरवी की।
वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पवन खेड़ा को अंतरिम राहत देने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पवन खेड़ा ने मांफी मांगी है। यह भी बताया कि जुबान फिसलने के कारण उनसे यह गलती हुई थी।
वरिष्ठ अधिवक्ता ए. एस. सिंघवी ने पवन खेड़ा का प्रतिनिधित्व करते हुए, सुप्रीम कोर्ट को बताया कि खेड़ा ने माफी मांगी है और वह एक गलती थी।
असम पुलिस की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें(पवन खेड़ा) गिरफ्तार किया है और ट्रांजिट रिमांड के लिए अदालत में पेश किया जाएगा।
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विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरा
- कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘हेमंत बिस्वा सरमा जी ने असम में एक फर्जी FIR दर्जकर पवन खेड़ा को गिरफ्तार करवाया है। पवन खेड़ा का कसूर क्या है? हम इसके खिलाफ कानूनी तरीके और राजनीतिक तरीके से लड़ेंगे।’
- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘पवन खेड़ा को प्लेन से जिस रूप से निकाला गया, इसकी जितनी निंदा करें वो कम है। ये घटना दुनियाभर में हमारे देश की बदनामी करवाएगी। देश में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति बनती जा रही है। महंगाई, बेरोजगारी पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और तनाव, हिंसा बढ़ती जा रही है।’
- अखिलेश यादव ने कहा, ‘कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के साथ जो किया गया वो निंदनीय है। इस तरह की कार्रवाई तब की गई जब वो विमान में बैठने जा रहे थे। ये बीजेपी की कोई नई रणनीति नहीं है क्योंकि जब मैं प्रयागराज जाना चाहता था तब इन्होंने मुझे भी विमान में चढ़ने नहीं दिया था। BJP कानून नहीं मानती।’
दिल्ली एयरपोर्ट से हुई थी खेड़ा की गिरफ्तारी
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा गुरुवार को रायपुर जा रहे थे। रायपुर में 24 फरवरी से कांग्रेस का अधिवेशन शुरू हो रहा है। खेड़ा दिल्ली एयरपोर्ट पर इंडिगो विमान में बैठे थे, तभी उन्हें नीचे उतारा गया। इसके बाद असम पुलिस ने पहले हिरासत में फिर गिरफ्तार कर लिया।
#WaTCH ये एक लंबी लड़ाई है और मैं लड़ने के लिए तैयार हूं: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, दिल्ली pic.twitter.com/9Uo4dMD2vI
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मोदी सरकार के खिलाफ लगे नारे
असम पुलिस ने तर्क दिया कि खेड़ा की गिरफ्तारी कम्युनल डिस्टरबेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर दीमापुर में दर्ज केस को लेकर की गई है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट के बाहर मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ जमकर नारे लगाए। वहीं, वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे।
असम में क्यों दर्ज हुआ था केस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, असम पुलिस के प्रवक्ता सुशांत भुयन ने बताया कि पवन खेड़ा के खिलाफ कम्युनल डिस्टर्बेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बुधवार रात केस दर्ज किया गया है। स्थानीय अदालत से अनुमति लेने के बाद हम उन्हें असम लाएंगे। उन्होंने बताया कि असम के दीमा हसाओ जिले के हाफलोंग थाने में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
दरअसल, हाल ही में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने गौतम अडानी मुद्दे पर सरकार पर हमला करते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नरेंद्र दामोदरदास मोदी को नरेंद्र गौतमदास मोदी के रूप में संदर्भित किया था। इसके लिए पवन खेड़ा की आलोचना की गई थी।
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