Students ill After Having Mid-Day Meal: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मिड डे मील खाने के बाद करीब 70 बच्चे बीमार पड़ गए। सभी बच्चों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। वहीं, मामले की जानकारी के बाद पुलिस ने केस दर्ज किया है, जांच पड़ताल जारी है।
मामला दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के सागरपुर इलाके के एक सरकारी स्कूल का है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार को मिड डे मील खाने के बाद करीब 70 छात्रों ने पेट दर्द और उल्टी की शिकायत की। छात्रों को डाबरी में दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल और दादा देव अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी बच्चों की हालत स्थिर है।
ये भी पढ़ें: Delhi Metro के यात्रियों को न्यू ईयर का गिफ्ट देने की तैयारी, सुविधा मिलने पर खुश हो जाएंगे आप
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि स्कूल में मिड डे मील उपलब्ध कराने वाले को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। प्रदाता को 24 घंटे के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। अधिकारी के मुताबिक जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
छठी और 8वीं के बच्चे हैं पीड़ित
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) मनोज सी ने कहा कि दुर्गा पार्क में सर्वोदय बाल विद्यालय में कक्षा 6 से 8 तक के लगभग 70 लड़कों ने पेट दर्द और उल्टी की शिकायत की। उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्कूल प्रशासन ने कहा कि छात्रों को भोजन में पूड़ी और सब्जी दी गई थी। इसके बाद सोया ड्रिंक दिया गया जिससे पेट में दर्द और उल्टी हुई। जब छात्रों ने पेट दर्द और उल्टी की शिकायत की तो मिड डे मील और सोया ड्रिंक परोसना रोक दिया गया। डीसीपी ने बताया कि पुलिस ने जांच के लिए खाने-पीने की चीजों के नमूने एकत्र कर लिए हैं।
ये भी पढ़ें: दिल्ली में फिर लागू होगा वर्क फ्रॉम होम, क्यों 3 दिन तक बंद होने वाले हैं स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तर?
छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर डॉक्टर ने क्या कहा?
उधर, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि स्कूल के लगभग 50 बच्चों को गंभीर उल्टी, बेचैनी और गैस्ट्रिक परेशानियों की शिकायत के साथ अस्पताल लाया गया था। डॉक्टर ने कहा कि ऐसा लगता है कि उन्हें स्कूल में कुछ ऐसा पेय पदार्थ दिया गया था, जिसकी डेट एक्सपायर हो चुकी थी।
डॉक्टर ने कहा कि कई बच्चे बेहोश हो गए और उन्हें निगरानी में रखा गया है। लगातार उल्टी के कारण कुछ छात्रों की हालत गंभीर है। शुक्रवार शाम तक कुछ बच्चों को छुट्टी दे दी, जबकि कुछ अन्य छात्र जिनकी हालत ठीक नहीं थी, उन्हें निगरानी में रखा गया है।