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Saumya Viswanathan Murder Case: टैटू से हत्यारों तक पहुंची पुलिस, जिगिशा के क्रेडिट कार्ड से बदमाशों ने की थी शॉपिंग

Journalist Saumya Viswanathan murder case: पत्रकार सौम्या विश्वनाथन के हत्यारों का सुराग पुलिस को टैटू से मिला था। इन्हीं हत्यारों ने जिगिशा घोष की हत्या की थी। पुलिस की पुरानी बीट प्रणाली काम आई। जिसके बाद पुलिस को एक हत्यारे के बारे में पता लग गया था। बदमाशों ने जिगिशा के क्रेडिट कार्ड पर शॉपिंग की थी।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Oct 19, 2023 09:10
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Soumya Vishwanathan Murder Case, Soumya Vishwanathan

Journalist Saumya Viswanathan murder case: टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के बाद पुलिस के पास कोई सुराग नहीं था। कुछ ऐसी ही स्थिति बीपीओ कर्मी जिगिशा घोष हत्याकांड के बाद पुलिस के सामने थी। लेकिन दोनों हत्याएं सिर्फ एक सुराग से सुलझ गईं। पुलिस ने पुरानी बीट प्रणाली और एक दोषी के हाथ पर बने टैटू से मामले का पर्दाफाश कर दिया। गिरोह का सरगना रवि कपूर निकला था। इसी आरोपी ने जिगिशा घोष के क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग की थी। आरोपी ने कपड़े, चश्मा व अन्य सामान खरीदा था।

जो सीसीटीवी में दिख गया था। पुलिस ने आरोपी को पकड़ा, तो सौम्या के साथ ही जिगिशा के मर्डर का खुलासा हो गया। पुरानी बीट प्रणाली का फायदा सिपाही कप्तान सिंह को मिला था, जो उस समय वसंत विहार थाने में नियुक्त थे। वे अब एएसआई बन चुके हैं। आरोपियों ने सरोजिनी नगर मार्केट में खरीदारी की थी। सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद कप्तान सिंह ने आरोपी बलजीत को पहचान लिया था। यह मसूदपुर गांव का रहने वाला था। इलाके में मुखबिरी के बाद पुलिस को उसका सुराग लग गया था। कप्तान सिंह भी इसी गांव में बीट देख चुके थे।

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हूबहू मिलती थी बलजीत की भाई से शक्ल

गश्त के दौरान उनको आरोपी का पता लग गया था। पुलिस के सामने एक दुविधा भी थी। आरोपी बलजीत और उसके भाई की शक्ल बिल्कुल मिलती थी। लेकिन कप्तान को पता था कि बलजीत के हाथ पर टैटू है। जिसके बाद आरोपी पुलिस के हत्थे आसानी से आ गया था। पूछताछ में पुलिस को दूसरे आरोपियों के बारे में पता लग गया था। जिस दिन आरोपियों ने जिगिशा का मर्डर किया, उसी दिन उसके क्रेडिट कार्ड से दोपहर डेढ़ बजे तक खरीदारी हुई थी।

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27 साल की जिगिशा नोएडा की कंपनी में ऑपरेशन मैनेजर थीं। वे वसंत विहार की पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में रहती थीं। 18 मार्च 2009 की सुबह उनका मर्डर किया गया था। जिनका शव सूरजकुंड की पहाड़ियों से पुलिस को मिला था। उनका सामान गायब मिला था। आरोपियों ने 18 मार्च 2009 को सुबह 5.12 बजे महिपालपुर में उनके कार्ड से एटीएम के जरिए 20 हजार रुपये निकाले थे। इसके बाद सुबह 6.24 बजे आरोपियों ने साकेत स्थित एटीएम से 5 हजार रुपये निकाले थे। बाद में सुबह 11.54 बजे सरोजिनी मार्केट से चश्मे परचेज किए थे। फिर आरोपियों ने दोपहर 1.19 बजे 14500 रुपये की कीमत के शूज खरीदे थे। वहीं, दोपहर 1.20 बजे एक घड़ी सरोजिनी नगर मार्केट से खरीदी थी। जिसकी कीमत 36 हजार रुपये थी।

कॉलोनी के गेट से हुआ था जिगिशा का अपहरण

18 मार्च को अलसुबह 3.45 बजे जिगिशा ऑफिस से गई थीं। मां को फोन कर ब्रेकफास्ट तैयार करने के लिए कहा था। इसके बाद 4 बजे रास्ते में कुलीग से आधा घंटे फोन पर बात हुई थी। सुबह साढ़े 4 बजे ऑफिस की कैब ने कॉलोनी के बाहर छोड़ा था। लेकिन 4.31 पर कुछ लोगों ने उनका अपहरण किया और महिपालपुर की तरफ ले गए। जिसके बाद उनसे धमकाकर कार्ड का पासवर्ड पूछा गया था। मामले में 19 मार्च को जिगिशा के पिता ने वसंत विहार पुलिस स्टेशन में गुम होने की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद 20 मार्च को जिगिसा का शव बड़खल लेक के पास सूरजकुंड की पहाड़ियों में मिला था।

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दिल्ली पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया था। जिगिशा घोष वसंत विहार में एयर इंडिया कॉलोनी के पास अपनी फैमिली के साथ रहती थीं। कैब ने उनको उतारा, तो वे घर जाने के बजाय गेट पर फोन पर बात करने लगी थीं। तभी आरोपियों ने उनको कार में डाल लिया था। आरोपी उनको महिपालपुर ले गए थे। यहां एटीएम से पैसे निकाल उनको सीट के बीच में डाल लिया था। आरोपी उनके ऊपर बैठ गए थे। जिगिशा को कराहते देख भी बदमाशों ने रहम नहीं दिखाया था। बाद में फरीदाबाद ले जाकर गला दबा दिया था। इसके बाद शव को फेंककर फरार हो गए थे।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Oct 19, 2023 09:10 AM
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