नई दिल्ली: दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) यमुना की स्वच्छता, जल संरक्षण और स्थायी जल प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए कई प्रयास कर रहा हैं। शुक्रवार को डीजेबी मुख्यालय में यमुना एक्शन प्लान-III के तहत दिल्ली जल बोर्ड के पार्टनर एनजीओ हरियाली सेंटर फॉर रूरल डेवलपमेंट द्वारा “जल बचाओ, जीवन बचाओ” की थीम के साथ जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जागरूकता सम्मेलन का आयोजन किया।
हर व्यक्ति जिम्मेदारी से काम करें और पानी बचाए
इस जागरूकता सम्मेलन में दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने सम्मेलन में आए लोगों से पानी बचाने और यमुना को साफ रखने की अपील की। राम निवास गोयल ने कहा कि पानी की स्थिति खराब हो गई है और अब समय आ गया है कि हर व्यक्ति जिम्मेदारी से काम करें और पानी बचाए।
भारत के गांवों के 17 करोड़ घरों में से केवल 2.8 करोड़ घरों तक ही नल का शुद्ध पानी
स्पीकर के अनुसार नीति आयोग के आंकड़ों के अनुसार भारत के गांवों के 17 करोड़ घरों में से केवल 2.8 करोड़ घरों तक ही नल का शुद्ध पानी पहुंच पाता है। शहरों की स्थिति तो और भी ख़राब है उन्होंने कहा कि “मैंने वो दिन देखे हैं जब दिल्ली के कुछ इलाकों में 10 फीट की गहराई पर भी पानी था। अब भूमिगत जल के अत्यधिक दोहन और भूजल को रिचार्ज करने में मदद करने वाले तालाबों और झीलों जैसे प्राकृतिक जल निकायों के विलुप्त होने के कारण यह कई स्थानों पर भूजल 250 फीट तक नीचे चला गया है।
पिछले 9 साल में कोई नया बांध नहीं
दिल्ली विधानसभा के स्पीकर ने कहा की देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते पेड़ों को बचाना चाहिए और अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए। रामनिवास गोयल ने कहा कि आज वर्षा का पानी तेजी से बहकर समुद्रों और महासागरों में चला जाता है जिसे रोकना होगा। पहले बांध वर्षा जल को बचाने और पूरे वर्ष कई उद्देश्यों के लिए उपयोग करने के लिए बनाए जाते थे। पिछले 9 साल में कोई नया बांध नहीं बना।
हम पीने के लिए एक गिलास पानी लेते हैं, तो हमें उसे पूरा पीना चाहिए
राम निवास गोयल ने कहा कि जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें हर संभव तरीके से पानी बचाने का प्रयास करना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि हम पीने के लिए एक गिलास पानी लेते हैं, तो हमें उसे पूरा पीना चाहिए और गिलास में कोई भी पानी बर्बाद नहीं छोड़ना चाहिए। इससे पानी बचाने में मदद मिलेगी। शावर भी पानी की बर्बादी का एक साधन है। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि चार लोगों का एक परिवार प्रतिदिन कम से कम 20 लीटर पानी आसानी से बचा सकता है और यदि प्रत्येक परिवार प्रतिदिन इतना पानी बचाता है, तो हम कल्पना कर सकते हैं कि कितना पानी बचाया जा सकता है।