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दिल्ली

नीलम आजाद कौन? जिसकी जमानत याचिका का दिल्ली पुलिस ने किया विरोध

दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा उल्लंघन की आरोपी नीलम आजाद की जमानत का विरोध किया। आरोप है कि 13 दिसंबर 2023 की घटना 2001 के हमले की याद दिलाने वाली थी। जानिए क्या है पूरा मामला।

Author Edited By : Hema Sharma Updated: Apr 17, 2025 13:24
Neelam Azad
Neelam Azad

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले की आरोपी नीलम आजाद की जमानत याचिका का विरोध किया। कोर्ट ने कहा कि नए संसद भवन पर विध्वंसकारी आतंकवादी हमले की योजना इस इरादे से बनाई गई थी कि आरोपी ने पुरानी संसद पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले की भयावह यादें ताजा कर दीं। यह घटना 13 दिसंबर 2023 को हुई, जब सांसद 2001 के संसद हमले में मारे गए लोगों के लिए मौन रखकर शोक व्यक्त करने वाले थे।

संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक

37 वर्षीय आजाद को तीन अन्य आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिनकी पहचान सागर शर्मा, मनोरंजन डी और अमोल शिंदे के रूप में की गई है, जिन पर नारे लगाते हुए पीले रंग का धुआं फैलाने का आरोप है। सागर और मनोरंजन दर्शक दीर्घा से लोकसभा के मुख्य हॉल में कूद गए और रंगीन धुआं छिड़का, जिससे सुरक्षा में बड़ी चूक हुई। नीलम और अनमोल ने बाद में हिरासत में लिए जाने से पहले इसी तरह के गैस कनस्तरों के साथ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।

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2001 के घुसपैठ से जुड़ा है मामला

यह घुसपैठ 2001 के हमले के साथ हुई थी और आरोपी ने दावा किया कि इसकी योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान महंगाई और गरीबी जैसे मुद्दों की ओर आकर्षित करने के लिए बनाई गई थी। इससे सुरक्षा में ढिलाई के बारे में सवाल उठने लगे क्योंकि आरोपी तीन-स्तरीय सुरक्षा तंत्र को पार करके संसद भवन के अंदर घुस गए। पुलिस ने आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए थे। पुलिस के अनुसार, आज़ाद ने अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर आतंकवादी कृत्य करने की साजिश रची थी, जिसका उद्देश्य सांसदों, कर्मचारियों, आगंतुकों और टेलीविजन पर सदन की कार्यवाही देख रहे लाखों लोगों के मन में दहशत पैदा करना था।

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आजाद ने किसी भी साजिश से किया था इनकार

हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में आज़ाद ने कथित साजिश का हिस्सा होने से इनकार किया और कहा कि यूएपीए के प्रावधान उन पर लागू नहीं होते क्योंकि उनका इरादा बेरोज़गारी, ग़रीबी और महंगाई जैसे ज्वलंत मुद्दों पर संसद का ध्यान आकर्षित करना था। गिरफ्तारी से पहले आजाद हरियाणा के एक निजी स्कूल में शिक्षिका के तौर पर काम करती थीं।

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Edited By

Hema Sharma

First published on: Apr 17, 2025 01:24 PM

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