New Delhi Railway Station Stampede Reason: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर गत 15 फरवरी को मची भगदड़ में 18 नहीं 20 लोगों की मौत हुई है। यह खुलासा RPF की जांच रिपोर्ट में हुआ है, जिसमें हादसा होने की वजह भी बताई गई है। 2 पेज की जांच रिपोर्ट हादसा होने का कारण प्लेटफॉर्म नंबर बदलने के लिए कई गई अनाउंसमेंट को बताया गया है। साथ ही 40 मिनट की देरी से बचाव कार्य शुरू होने भी लोगों की मौत होने का कारण था। बचाए जाने तक घायल लोग दम तोड़ चुके थे। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्लेटफॉर्म नंबर-12 से ट्रेन नंबर 12560 शिव गंगा एक्सप्रेस रवाना हुई थी।
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New Delhi Stampede Enquiry Report
भीड़ कंट्रोल करने के निर्देश दिए जा चुके थे
शिव गंगा एक्सप्रेस रवाना होने के बाद स्टेशन पर अचानक यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी। फुटओवर ब्रिज-2 और 3 पर इतने लोग थे कि यह जाम हो गया। प्लेटफॉर्म-12 से लेकर 16 तक यात्रियों की भारी संख्या थी। फुटओवर ब्रिज-2 पर भीड़ बढ़ने के बाद ACS/NDLS (सहायक सुरक्षा आयुक्त, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन) ने स्टेशन निदेशक को अधिक टिकट न बेचने को कहा था। साथ ही ड्यूटी पर मौजूद और ऑफ ड्यूटी कर्मचारियों को तुरंत तीनों प्लेटफार्मों और फुटओवर ब्रिज पर पहुंचने को कहा, लेकिन जरूरत से ज्यादा टिकट बेचे जा चुके थे और आदेशों के बावजूद कर्मचारी-स्टाफ मौके पर नहीं पहुंचा। तब तक भगदड़ मच चुकी थी और घायल लोगों की मौत हो चुकी थी।
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New Delhi Stampede Enquiry Report
जल्दबाजी और लापरवाहियों ने कराया हादसा
इंडियान रेलवे ने अपनी ऑफिशियल रिपोर्ट में कहा है कि भगदड़ रात 9.15 बजे हुई। दिल्ली फायर सर्विसेज ने कहा कि उन्हें दिल्ली पुलिस से पहली कॉल रात 9.55 बजे मिली, लेकिन RPF की रिपोर्ट के अनुसार, भगदड़ रात 8.48 बजे मची और इसकी जानकारी ऑन-ड्यूटी स्टेशन इंचार्ज को दी गई। उस दिन प्लेटफॉर्म 12-16 पर यात्रियों की भीड़ ज्यादा थी, जिनमें से अधिकतर महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाने वाले लोग थे। RPF इंस्पेक्टर ने रेलवे से प्रयागराज के लिए हर घंटे 1500 टिकट बेचने को भी तुरंत बंद करने को कहा। इसके बाद रात 8.45 बजे घोषणा की गई कि महाकुंभ स्पेशल ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर-12 पर आएगी।
2 बार हुई घोषणाओं ने यात्रियों को किया भ्रमित
थोड़ी देर बाद एक और घोषणा हुई कि ट्रेन अब प्लेटफॉर्म नंबर-16 पर आएगी। इस घोषणा के बाद प्लेटफॉर्म नंबर 12-16 पर जो यात्री थे, वे फुटओवर ब्रिज-2 और 3 पर चढ़ने लगे। मगध एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति में चढ़ने वाले यात्री सीढ़ियों से नीचे उतरने लगे। इस दौरान भीड़भाड़ और ट्रेन पकड़ने की जल्दबाजी में कुछ लोग फिसलकर गिर गए, जिससे भगदड़ मच गई। हादसे में मरने वाले 20 लोगों में सबसे बड़ा पीड़ित 79 साल का शख्स था, जबकि सबसे छोटी 7 साल की बच्ची थी, जिसके सिर में कील घुस गई थी। रेलवे ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों को 2.5 लाख रुपये तथा मामूली घायलों को 1 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।