Live Mustafabad Assembly Election Result 2025 Updates: दिल्ली में 5 फरवरी 2025 को मतदान किया गया। आज वोटों की काउंटिंग की जा रही है। दिल्ली की 70 सीटों में से एक मुस्तफाबाद सीट भी है। मुस्तफाबाद एक चर्चित सीट हैं, जहां से BJP ने मोहन सिंह बिष्ट को अपना उम्मीदवार बनाया है। AAP ने पत्रकारिता से राजनीति में आए आदिल अहमद खान को अपना उम्मीदवार बनाया है। वह अन्ना हजारे आंदोलन के बाद से ही पार्टी के साथ जुड़े हैं। वहीं, कांग्रेस ने पूर्व विधायक मेहदी के बेटे अली मेहदी को टिकट दिया है। इसके अलावा AIMIM ने मुस्तफाबाद सीट पर ताहिर हुसैन चुनाव में उतारा है, जोकि UAPA के तहत जेल में बंद हैं। ताहिर हुसैन की वजह से मुस्तफाबाद सीट काफी चर्चा में है। अभी तक की काउंटिंग में BJP के मोहन सिंह बिष्ट जीत गए हैं। वहीं, AAP के उम्मीदवार अदील अहमद खान हार गए हैं।
मुस्तफाबाद सीट | नाम | पार्टी |
जीत | मोहन सिंह बिष्ट | BJP |
हार | अदील अहमद खान | AAP |
मुस्तफाबाद विधानसभा सीट के बारे में
2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुस्तफाबाद में आम आदमी पार्टी (AAP) ने जीत दर्ज की थी। AAP ने हाजी यूनुस ने चुनाव में उतारा था, इस दौरान उन्होंने 98,850 वोटों के साथ यह सीट जीती थी। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार जगदीश प्रधान थे, जो 78,146 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे। वहीं, तीसरे नंबर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के उम्मीदवार अली मेहदी थे, जो 5,355 वोटों पर ही सिमट गए थे। इस बार उनके बेटे अली मेहदी काग्रेंस को जीत दिलाने की कोशिश में लगे हैं।
भारत की 2001 की जनगणना के मुताबिक, मुस्तफाबाद की जनसंख्या लगभग 89,117 थी। इसमें पुरुष 53 फीसदी और महिलाएं 47 फीसदी हैं। इस क्षेत्र की औसत साक्षरता दर 74 फीसदी है, जिसमें पुरुष साक्षरता 63 फीसदी और महिला साक्षरता 44 फीसदी है। मुस्तफाबाद में मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या ज्यादा है।
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव की बात करें, तो इसमें भाजपा कों जीत मिली थी। BJP ने जगदीश प्रधान को चुनावी मैदान में उतारा था, जिन्होंने 58,388 वोटों के साथ जीत हासिल की थी। वहीं, इस बार कांग्रेस उम्मीदवार हसन अहमद 52,357 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे। AAP ने अपना उम्मीदवार हाजी यूनुस को बनाया था, जिनको 49,791 वोट मिले थे। आपको बता दें कि मुस्तफाबाद में 2020 में सांप्रदायिक दंगे हुए थे, जिसमें बहुत से लोगों की मौत हुई। इन्हीं दंगों के चलते AIMIM के उम्मीदवार ताहिर हुसैन जेल में बंद हैं। अब देखना होगा कि क्या AIMIM यहां पर अपना खाता खोल पाती है कि नहीं।
कौन हैं ताहिर हुसैन?
23 फरवरी से 26 फरवरी 2020 के बीच दिल्ली के उत्तर पूर्वी हिस्से में दंगे हुए। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मरने वालों में 40 मुसलमान और 13 हिंदू समुदाय से थे। उस समय ताहिर हुसैन आम आदमी पार्टी के पार्षद थे। इन दंगों में उनका नाम आने के बाद पार्टी ने वह सस्पेंड कर दिए गए। ताहिर पर आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या समेत कई केस दर्ज हैं। दरअसल, अंकित शर्मा की लाश 26 फरवरी 2020 को ताहिर हुसैन के घर के पास ही नाले में मिली थी। हालांकि ताहिर खुद को निर्दोष बताते आए हैं।
हलफनामे में ताहिर के पास 42 लाख रुपये और उनकी पत्नी के पास लगभग 43 लाख रुपये की चल संपत्ति बताई गई है। इसके अलावा ताहिर के पास चल संपत्ति 8.85 करोड़ और पत्नी के पास 9 करोड़ से ज्यादा है। ताहिर के परिवार की बात करें तो उनकी पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं, जिसमें बेटे का नाम मोहम्मद शादाब हुसैन और बेटी का नाम राफिया जारा हुसैन है। ताहिर जेल में हैं, लेकिन उनको प्रचार करने के लिए कुछ शर्तों के साथ कुछ दिन के लिए बाहर आने की इजाजत दी गई थी।
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