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दिल्ली

दिल्ली में अब फ्री में नहीं उठेगा कचरा, हर महीने इस तरीके से लगेगा यूजर चार्ज

दिल्ली नगर निगम ने अब घरों से कचरा उठाने की सेवा मुफ्त में नहीं देने का फैसला किया है। हर महीने ₹50 से ₹200 तक यूजर चार्ज वसूला जाएगा।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Apr 8, 2025 14:58

दिल्ली नगर निगम (MCD) ने फैसला किया है कि अब घरों से कचरा उठाने की सेवा मुफ्त नहीं दी जाएगी। इसके लिए अब हर महीने ₹50 से ₹200 यूजर चार्ज लिया जाएगा। यह चार्ज अब संपत्ति कर के साथ ही वसूला जाएगा। इस फैसले का असर न सिर्फ निवास संपत्तियों पर पड़ेगा, बल्कि व्यावसायिक संपत्तियों को भी इसका सामना करना पड़ेगा।

2018 के नियमों के तहत लागू हुआ नया चार्ज

यह नया चार्ज एमसीडी ने “ठोस कचरा प्रबंधन-2018” नियमों के तहत लागू किया है। सात साल पहले केंद्र सरकार ने 2017 में यह नियम अधिसूचित किए थे, जिन्हें दिल्ली सरकार ने 2018 में लागू किया था। हालांकि उस समय नगर निगमों ने इसका विरोध किया था और कहा था कि शुल्क सिर्फ व्यावसायिक संपत्तियों से लिया जाए। लेकिन अब 2025-26 के लिए एमसीडी ने इसे सभी के लिए लागू करने का फैसला लिया है

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निवास और व्यावसायिक संपत्तियों पर कितना खर्च बढ़ेगा?

इस नए चार्ज के कारण निवास संपत्ति मालिकों का सालाना खर्च ₹600 से ₹2,400 तक बढ़ जाएगा। वहीं व्यावसायिक संपत्तियों के लिए यह बढ़ोतरी ₹6,000 से ₹60,000 तक हो सकती है। एमसीडी को इससे सालाना ₹150 करोड़ की अतिरिक्त कमाई होने की उम्मीद है।

निवास संपत्तियों के लिए यूजर चार्ज:

50 वर्ग मीटर तक: ₹50 प्रति माह

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50 से 200 वर्ग मीटर: ₹100 प्रति माह

200 वर्ग मीटर से अधिक: ₹200 प्रति माह

व्यावसायिक संपत्तियों के लिए यूजर चार्ज:

दुकानें और खाने की जगह: ₹500

गेस्ट हाउस, धर्मशालाएँ: ₹2,000

हॉस्टल, क्लिनिक (50 बेड तक): ₹2,000

अस्पताल (50 से अधिक बेड): ₹4,000

रेस्टोरेंट (50 सीटों तक): ₹2,000

होटल (50 से अधिक सीटों वाले): ₹3,000

थ्री-स्टार होटल: ₹3,000

बार वाले होटल: ₹5,000

मॉल (30 दुकानों तक): ₹3,000

मॉल (30 से अधिक दुकानों वाले): ₹5,000

स्ट्रीट वेंडर: ₹100

आम आदमी पार्टी का विरोध

आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस फैसले का विरोध किया है। महापौर महेश कुमार ने नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि यह चार्ज बिना सदन की मंजूरी के लागू किया गया है, जो नियमों का उल्लंघन है।

पहले हुआ था विरोध, अब अचानक हुआ लागू

2018 में जब पहली बार यह प्रस्ताव आया था, तो बीजेपी शासित नगर निगमों ने इसका विरोध किया था और मांग की थी कि केवल व्यापारिक संपत्तियों से ही यह चार्ज लिया जाए। अब एमसीडी ने बिना जानकारी दिए अचानक इसे लागू कर दिया है।

 

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First published on: Apr 08, 2025 02:58 PM

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