नई दिल्ली: दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री सतेंद्र जैन की बैरक में दो अन्य कैदियों को शिफ्ट करने के मामले में जेल प्रशासन की ओर से अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सामने आया है कि सतेंद्र जैन ने जेल अधीक्षक को पत्र लिख कर अपने साथ दो अन्य को रखने के लिए अनुरोध किया था।
11 मई को सतेंद्र जैन ने लिखा था पत्र
जानकारी के मुताबिक जेल में बंद दिल्ली के पूर्व मंत्री सतेंद्र ने जेल अधीक्षक को 11 मई को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि वह जेल नंबर 11 में हैं। जैन ने अपने अकेलेपन और अवसाद का हवाला देते हुए अपनी परेशानी बताई थी। उन्होंने कहा था कि मनोचिकित्सक ने उन्हें सामाजिक संपर्क में रहने का सुझाव दिया है। इसलिए एक या दो लोगों को उनके साथ रखा जाए। बताया गया है कि जैन ने कुछ लोगों के नाम भी सुझाए थे।
दोनों कैदियों को वापस उनके सेल में भेजा
हालांकि, जेल प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस के साथ पूर्व मंत्री के साथ रहने वाले अन्य कैदियों को वापस उनके सेल में भेज दिया है। जेल प्रशासन के अनुसार अधीक्षक ने बिना प्रशासन को सूचित किए यह निर्णय लिया, जबकि प्रक्रिया के अनुसार बिना प्रशासन को सूचित किए और अनुमति लिए किसी भी कैदी को दूसरी कोठरी या सेल में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है।
जून 2022 से जेल में बंद हैं सतेंद्र जैन
बता दें कि सतेंद्र जैन पिछले साल जून से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। इससे पहले पिछले साल नवंबर में एक सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ था, जिसमें सतेंद्र जैन जेल के अंदर से अपने शरीर की मालिश कराते हुए दिखाई दिए थे।
ईडी ने सत्येंद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार की कई धाराओं के तहत 24 अगस्त, 2017 को मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच शुरू की थी। इस जांच में सतेंद्र जैन के साथ पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन शामिल हैं।
इनके खिलाफ सीबीआई ने पेश की थी चार्जशीट
सीबीआई ने 3 दिसंबर 2018 को सत्येंद्र कुमार जैन, पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी। चार्जशीट में कहा गया है कि सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 की अवधि के दौरान दिल्ली सरकार में मंत्री के पद पर रहते हुए, स्रोत से ज्यादा संपत्ति अर्जित की थी।
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