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दिल्ली

DU प्रशासन ने मांगी माफी, जानिए ‘मुस्लिम’ को लेकर क्यों मचा था हंगामा? 

Delhi News: दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) ने अपने एडमिशन फार्म 'उर्दू' मातृभाषा की जगह 'मुस्लिम' लिख दिया था। इसके बाद बवाल मच गया था। शनिवार को डीयू ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। बताया जा रहा है कि DU की ये प्रतिक्रिया काफी देर बाद आई है।

Author Written By: Md Junaid Akhtar Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: Jun 21, 2025 21:07
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दिल्ली यूनिवर्सिटी ने गलती को सुधारा

Delhi News: दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) ने अपने एडमिशन फार्म ‘उर्दू’ मातृभाषा की जगह ‘मुस्लिम’ लिख दिया था। इसके बाद बवाल मच गया था। DU के कई टीचरों और बुद्धिजीवियों ने इस पर आपत्ति जताई थी। जिसके बाद शनिवार को डीयू ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। डीयू ने एक्स पोस्ट करते हुए स्पष्ट किया कि मातृभाषा वाले कॉलम में ‘मुस्लिम’ शब्द गलती से लिखा चला गया था। डीयू इस गलती के लिए ईमानदारी से खेद व्यक्त करता है।

DU ने गलती को सुधारा

बताया जा रहा है कि DU की ये प्रतिक्रिया काफी देर बाद आई है। इससे पहले डीयू द्वारा की गई गलती तेजी से सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर तेजी से वायरल होने लगी थी। बताया जा रहा है कि एडमिशन फार्म का स्क्रीनशॉट शेयर किया जा रहा था। डीयू ने एप्लीकेशन फॉर्म में मातृभाषा के कॉलम में ‘मुस्लिम’ दिखाया था। जबकि उर्दू 8वीं अनुसूचि के तहत संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त है। जिसके चलते कुछ समय के लिए DU ने पोर्टल को बंद कर दिया था। गलती में सुधार करने के बाद इसे दोबारा खोला गया है।

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जानबूझकर की गई गलती

DU कार्यकारी परिषद की पूर्व सदस्य और डेमोक्रटिक टीचर्स फेडरेशन की सेक्रेटरी आभा देब हबीब का कहना है कि डीयू इस्लामोफोबिक से ग्रस्त हो गया। ये जानबूझकर की गई गलती है। धर्म को भाषा के साथ जोड़ना गलत है। आभा देव हबीब मिरांडा हाउस में टीचर भी हैं। इस मामले में अन्य सभी शिक्षकों ने विरोध दर्ज कराया है।

उर्दू एक धर्मनिरपेक्ष भाषा

किरोड़ीमल कॉलेज के प्रोफेसर रुद्राशीष चक्रवर्ती का कहना है कि ‘मुस्लिम’ को भाषा के रूप में पेश करना गलत है। भारत के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय के साथ ऐसा व्यवहार करना बेहद ही चिंताजनक है। उनका कहना कि उर्दू एक धर्मनिरपेक्ष भाषा है जिसे सभी धर्मों के लोग बोलते हैं। DU के एग्जिक्यूटिव काउंसिल के मेंबर मिथुराज धूसिया ने कहा कि यह दुखद है। हमारा देश में विभिन्न भाषाएं बोली जाती हैं। उन्हीं में से एक भाषा उर्दू है। ये किसी धर्म की भाषा नहीं है।

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First published on: Jun 21, 2025 08:10 PM

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