Lady Don Annu Dhankar Profile: दिल्ली के राजौरी गार्डन में खुले बर्गर किंग में जून 2024 में हुए अमन जून मर्डर केस में पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। पुलिस ने वारदात के वक्त अमन के साथ मौजूद अनु धनखड़ को लखीमपुर खीरी से दबोच लिया है। वह नेपाल जाने की फिराक में थी, लेकिन मुखबिर के सुराग पर दिल्ली पुलिस ने उसे दबोच लिया। अनु धनखड़ को क्राइम की दुनिया की लेडी डॉन कहा जाता है। वह गैंगस्टर हिमांशु भाऊ की राइट हैंड कहलाती है।
गैंगस्टर के कहने पर ही उसने दुश्मन गैंगस्टर के गिरोह के मेंबर अमन जून को अपने प्रेम जाल में फंसाया और उसे बर्गर किंग बुलाकर उसकी हत्या करा दी। शूटरों ने उसे बर्गर किंग में घुसकर गोलियां मारी। अनु ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि उसने गैंगस्टर के कहने पर अमन को बर्गर किंग बुलाया था। अनु को शनिवार को दिल्ली लाया गया और कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अब पुलिस उससे पूछताछ करके गैंगस्टर हिमांशु भाऊ के बारे में सुराग जुटाएगी।
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साल 2022 में भारत से भाग गया था गैंगस्टर हिमांशु
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अनु नेपाल के रास्ते दुबई होते हुए अमेरिका जाने की फिराक में थी, जहां वह पहली बार गैंगस्टर हिमांशु भाऊ के गुर्गों से मिलती। वह पुर्तगाल जाकर हिमांशु से मिलना चाहती थी, क्योंकि वह उससे प्यार करती थी। हिमांशु ने उसे अमेरिका का वीजा दिलाने और अमेरिका भेजने का वादा किया था। इस वादे के बदले में उसने गैंगस्टर के लिए काम किया। गैंगस्टर भाऊ साल 2022 में जाली पासपोर्ट पर भारत छोड़कर पुर्तगाल भाग गया था।
आज तक भारतीय पुलिस को उसका सुराग नहीं मिला। वह पुर्तगाल में बैठकर ही अनु के जरिए वारदातें अंजाम दे रहा था। अनु साल 2022 से ही गैंगस्टर भाऊ के संपर्क में थी। अनु को हिमांशु से सिर्फ एक वादा पूरा करना था कि वह उसे अमेरिका का वीजा दिलाए। वहां उसकी पढ़ाई और नौकरी का इंतजाम कराए, क्योंकि वह आलीशान और एशो आराम की जिंदगी जीना चाहती थी, लेकिन हिमांशु के लिए काम करते-करते वह अपराध की दुनिया में आ गई।
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इसलिए और ऐसे बनी अपराध की दुनिया की डॉन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अनु हरियाणा के रोहतक जिले की रहने वाली है। उसके पिता की मौत हो गई थी। वे किसान थे और परिवार में इकलौते कमाने वाले थे, लेकिन उनकी मौत के बाद उसे आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही थी। मां ने उसे कॉलेज में एडमिशन दिलाया था, लेकिन पढ़ने में उसकी रुचि नहीं थी। साल 2022 में वह 17 साल की थी और ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट थी। उसने एक शादी में रोहतक के ही रहने वाले हिमांशु भाऊ को देखा था। उस समय वह 20 साल का था। हिमांशु उस समय अपराध की दुनिया में एक नाम था, अनु उस पर फिदा हो गई थी।
इसलिए उसने सोशल मीडिया के जरिए हिमांशु से संपर्क किया। चैट करते-करते वे दोस्त बन गए और हिमांशु ने उसे अमेरिका भेजने का वादा किया। बदले में उसने अनु को हरियाणा में उसका काम संभालने को कहा। अनु इसके लिए राजी हो गई। अनु ने पढ़ाई छोड़ दी। हिमांशु 2022 में भारत छोड़कर चला गया और इसके बाद अनु उसके कहने पर वारदातें करने लगी। 25 दिन में अनु के खिलाफ 3 मर्डर केस दर्ज हो गए। अनु उसके गिरोह के साथ रेकी, मर्डर और वसूली करने लगी। इस तरह वह अपराध की दुनिया में आ गई।
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दिल्ली पुलिस के हाथ कैसे लगी अनु धनखड़?
दिल्ली पुलिस उपायुक्त अमित कौशिक ने बताया कि अनु धनखड़ के बारे में दिल्ली पुलिस को पहली बार जनवरी 2024 में पता चला था। उसने रोहतक में एक मशहूर मिठाई वाले से 2 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। इसके लिए उसने मिठाई वाले की दुकान पर फायरिंग भी कराई थी, लेकिन उस समय पुलिस के हाथ नहीं आई। इसके बाद वह दिल्ली में मुखर्जी नगर में एक PG में रहने लगी। यहां उसे एक नया मिशन पूरा करना था।
हिमांशु भाऊ के दुश्मन गैंगस्टर के चचेरे भाई अमन जून से अनु ने दोस्ती की, लेकिन वह उसके जाल में नहीं फंसा तो उसने दुश्मन गैंग के मेंबर अमन जून को फंसाया। 18 जून को उसने मिलने के लिए अमन को पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन में बर्गर किंग आउटलेट में बुलाया। वहां अमन की हत्या हो गई और अनु उसका पर्स-मोबाइल लेकर फरार हो गई। अनु कटरा रेलवे स्टेशन पहुंची और गैंगस्टर से संपर्क किया। उसने अनु को हरिद्वार जाने को कहा और वहां से कोटा भेज दिया। जहां वह छात्रा बनकर रहने लगी।
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अमन की हत्या के बाद कोटा जाकर छिपी थी
पुलिस ने बताया कि जब भाऊ को लगा कि अनु तक पुलिस पहुंच सकती है तो उसने उसे कोटा छोड़कर नेपाल जाने को कहा। पुलिस को मुखबिर से पता चला कि अनु लखनऊ से लखीमपुर खीरी जाने वाली बस में सवार हुई है। पुलिस ने उसका पीछा किया और शुक्रवार शाम को उसे नेपाल जाने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि उसने इंस्टाग्राम और फेसबुक पर 15 अलग-अलग फर्जी अकाउंट बनाए थे और वह कई लोगों को मैसेज कर रही थी।
अमन की हत्या से 10 दिन पहले ही उसने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। उसने खुद को दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा बताया। अमन ने उसे डेट पर बुलाया और दोनों ने बर्गर किंग आउटलेट पर मिलने का फैसला किया। अमन की हत्या के बाद वह कोटा गई, अपना सामान उठाया और चंडीगढ़ भाग आई। यहां से कटरा जाते समय उसने मकान मालिक को किराया दिया और कहा कि किसी इमरजेंसी के कारण वह घर जा रही है। उसके बाद से पुलिस उसकी तलाश में थी, जो अब पूरी हुई।