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भारतीय संविधान में अनुच्छेद 21 क्या? जिसका CJI चंद्रचूड़ ने किया जिक्र, Air Pollution से जुड़ा लिंक

Delhi Pollution Right to Clean Air and Article 21: दिल्ली का AQI एक बार फिर से आसमान छूने लगा है। धुंध के कारण अभी से लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। मगर क्या आप जानते हैं कि स्वच्छ हवा अनुच्छेद 21 का हिस्सा है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Oct 25, 2024 11:46
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Delhi Air Pollution
दिल्ली की हवा अभी से खराब होने लगी है।

Right to Clean Air and Article 21 aimed Delhi Pollution: ठंड के दस्तक देते ही वायु प्रदूषण का मामला एक बार फिर से सुर्खियां बटोरने लगा है। देश की राजधानी ने धुंध की चादर ओढ़नी शुरू कर दी है। दिल्ली में सांस लेना दिन ब दिन मुश्किल होता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने दिल्ली के प्रदूषण का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने आज से सुबह की सैर पर जाना बंद कर दिया है। डॉक्टर ने सलाह दी है कि बीमारी से बचने के लिए बेहतर होगा कि मॉर्निंग वॉक न करें। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि केंद्र और राज्यों को याद दिलाने का वक्त आ गया है कि अनुच्छेद 21 के तहत लोगों को प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का मौलिक अधिकार (Fundamental Right) है। तो आइए जानते हैं अनुच्छेद 21 के बारे में विस्तार से…

क्या है अनुच्छेद 21?

भारतीय संविधान के भाग 3 में मौजूद अनुच्छेद 21 सभी नागरिकों को जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता (Right to Life & Privacy) की आजादी देता है। इसके अंतर्गत 20 से भी ज्यादा प्रावधान मौजूद हैं, जिसमें सोने का अधिकार (Right to Sleep), शादी का अधिकार (Right to Marriage) समेत स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण (Right to Clean Air) का अधिकार दिया गया है।

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Right to Clean Air कैसे बना अनुच्छेद 21 का हिस्सा?

दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुद्दा दशकों से चला आ रहा है। पहली बार 1985 में इसके खिलाफ आवाज उठाई गई थी। दिल्ली के कीर्ति नगर इलाके में स्थित श्रीराम फूड एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड नामक एक फर्टिलाइजर प्लांट मौजूद था। कीर्ति नगर में दिल्ली की बड़ी आबादी रहती है। मगर फर्टिलाइजर प्लांट ने निकलने वाली जहरीली हवाएं ज्यादातर लोगों के लिए बीमारी का कारण बनने लगी। ऐसे में एक वकील एमसी मेहता ने फैक्ट्री के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।

गैस लीक से वकील की गई जान

यह मामला कोर्ट में चल रहा था, तभी एक प्लांट में से ओलियम गैस लीक हो गई। इस घटना में तीस हजारी कोर्ट के वकील की जान चली गई। कई लोगों की हालत बिगड़ी और मजिस्ट्रेट ने कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया। इस कड़ी में श्रीराम फूड एंड फर्टिलाइजर पर क्लोरीन, सुपर क्लोरीन, ओलियम, फॉस्फेट जैसी जहरीली चीजें बनाने पर रोक लगा दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने भी Right to Clean Air को अनुच्छेद 21 में शामिल करते हुए इसे Right to Life का हिस्सा बना दिया।

दशकों बाद भी नहीं हल हुई समस्या

कई दशकों की जद्दोजहद के बावजूद दिल्ली में वायु प्रदूषण आज भी एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट से लेकर सरकार तक ने प्रदूषण पर काबू पाने के कई उपाय किए, लेकिन ठंड आते ही सारे प्रयास फुस हो जाते हैं और दिल्ली की हवा जानलेवा से कोई नहीं रोक पाता।

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Written By

Sakshi Pandey

First published on: Oct 25, 2024 10:19 AM

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