---विज्ञापन---

Delhi News: लोक निर्माण मंत्री आतिशी बोली, ‘CM आवास रेनोवेशन के रिकॉर्ड जब्त करना असंवैधानिक’

नई दिल्ली: दिल्ली की लोकनिर्माण मंत्री आतिशी ने मंगलवार को उपराज्यपाल को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने 27 अप्रैल 2023 को एलजी द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र पर गंभीर चिंता जताई है और सीएम आवास के रेनोवेशन से संबंधित रिकॉर्ड जब्त करने को असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक बताया है। कानून को तोड़कर किसी […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: May 2, 2023 16:03
Share :
Delhi AAP Minister Atishi Marlena

नई दिल्ली: दिल्ली की लोकनिर्माण मंत्री आतिशी ने मंगलवार को उपराज्यपाल को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने 27 अप्रैल 2023 को एलजी द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र पर गंभीर चिंता जताई है और सीएम आवास के रेनोवेशन से संबंधित रिकॉर्ड जब्त करने को असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक बताया है।

कानून को तोड़कर किसी अधिकारी को सीधे आदेश नहीं दे सकते 

एलजी ने अपने पत्र में सिविल लाइंस स्थित फ्लैग स्टाफ हाउस नं. 6 में पीडब्ल्यूडी के रेनोवेशन कार्य से संबंधित रिकॉर्ड को जब्त करने और समीक्षा के लिए उन्हें पेश करने के लिए निर्देशित किया है। पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा है कि एलजी के पास इस प्रकार की कार्रवाई के लिए निर्देशित करने की कोई शक्ति नहीं है। वह कानून को तोड़कर किसी अधिकारी को सीधे आदेश नहीं दे सकते हैं।

---विज्ञापन---

दिल्ली सरकार के मंत्री को दरकिनार किया 

आतिशी ने एलजी को लिखे पत्र में कहा है कि उपराज्यपाल का पत्र असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है। बतौर पीडब्ल्यूडी मंत्री वह (आतिशी) स्वयं लोकनिर्माण विभाग से संबंधित सभी सरकारी कार्यों के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा है कि एलजी द्वारा रिकॉर्ड को जब्त करने और कार्रवाई करने का निर्देश देने वाला यह पत्र न सिर्फ उनके कार्यालय के अधिकार क्षेत्र से पूरी तरह बाहर है, बल्कि दिल्ली सरकार के संबंधित मंत्री और मंत्रिपरिषद की शक्तियों को भी दरकिनार करता है, जो लोकतांत्रिक रूप से कामकाज के लिए जिम्मेदार हैं।्र

अनुच्छेद 239एए में शामिल किया गया

पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने अपने पत्र में कहा है कि एलजी द्वारा लिखा गया पत्र किस तरह राजनीति से प्रेरित है, यह कहने की जरूरत नहीं है। पत्र में लगाए गए आक्षेप और आरोप पूरी तरह निराधार व योग्यता से रहित हैं और राजनीतिक कारणों से लिखा गया है। मंत्री ने अपने पत्र में दिल्ली के शासन को लेकर संविधान का हवाला भी दिया है। इसे अनुच्छेद 239एए में शामिल किया गया है और राज्य (दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) बनाम भारत संघ और अन्य, (2018) 8एसीसी 501 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा समझाया गया है।

---विज्ञापन---

प्रावधान के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं करते हैं

सुप्रीम कोर्ट ने पाया था कि दिल्ली के उपराज्यपाल मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से बंधे हैं और उन्हें कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 239एए की व्याख्या करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि 284.27 अनुच्छेद 239-एए (4) में नियोजित ‘सहायता और सलाह’ का अर्थ यह माना जाना चाहिए कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उपराज्यपाल मंत्रिपरिषद की ‘सहायता और सलाह’ मानने को बाध्य हैं और यह स्थिति तब तक सही है, जब तक उपराज्यपाल अनुच्छेद 239-एए के खंड (4) के प्रावधान के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं करते हैं। उपराज्यपाल को कोई स्वतंत्र निर्णय लेने की शक्ति नहीं है। एलजी को या तो मंत्रिपरिषद की ‘सहायता और सलाह’ पर कार्य करना होता है या फिर वह राष्ट्रपति को भेज सकते हैं और राष्ट्रपति द्वारा लिए गए निर्णय को लागू करने के लिए बाध्य हैं।

पत्र में कुछ रिकॉर्ड को जब्त करने के निर्देश

पीडब्ल्यूडी मंत्री ने पत्र में यह भी कहा है कि हालांकि उपराज्यपाल को के नियम 19(5) के तहत मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी मांगने का अधिकार है, ऐसी जानकारी जिसे मंत्री अस्वीकार नहीं करना चाहते हैं। लेकिन एलजी को किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने के लिए निर्देशित करने की कोई शक्ति नहीं है। आपने 27 अप्रैल 2023 को लिखे पत्र में कुछ रिकॉर्ड को जब्त करने और उसे प्रोजेक्टिव कस्टडी में लेने और उस पर एक रिपोर्ट अपने कार्यालय को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जो संविधान द्वारा एलजी कार्यालय को दिए गए अधिकार क्षेत्र से बाहर है।

HISTORY

Edited By

Amit Kasana

First published on: May 02, 2023 04:02 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें