दिल्ली में मेयर चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। ओखला से कांग्रेस की विधानसभा प्रत्याशी रहीं अरीबा खान को कांग्रेस पार्टी ने डिप्टी मेयर पद का उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) ने चुनाव से पूरी तरह दूरी बना ली है और शुक्रवार को होने वाले मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। दिल्ली के सिविक सेंटर में दोपहर 2 बजे मेयर चुनाव के लिए सदन की प्रक्रिया शुरू हुई है। एमसीडी की कार्यवाही शुरू होने पर पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के लिए शोक प्रस्ताव पेश किया। वहीं, चुनाव को ध्यान में रखते हुए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। चुनाव के मद्देनजर पूरे परिसर की निगरानी बढ़ा दी गई है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि अब दिल्ली में भाजपा की ‘ट्रिपल इंजन’ की सरकार है, इसलिए वे इस चुनाव में हिस्सा नहीं ले रहे। पार्टी के इस निर्णय से भाजपा खेमे में संतोष का माहौल है।
यह भी पढ़ें:Pahalgam Attack: न्यूयॉर्क टाइम्स ने आतंकवादी को लिखा ‘उग्रवादी’, अमेरिकी संसद ने लगाई फटकार
भाजपा नेताओं का कहना है कि अब चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सकेंगे। भाजपा की ओर से राजा इकबाल सिंह को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया गया है और सूत्रों के अनुसार उनका मेयर बनना लगभग तय माना जा रहा है। पार्टी ने अपनी रणनीति भी स्पष्ट कर दी है और पूरी तैयारी के साथ मैदान में है।
Nominations for Delhi Mayor & Deputy Mayor have been submitted today.
---विज्ञापन---👉Mayor: Raja Iqbal Singh (BJP) & Mandeep Singh (Congress)
👉 Deputy Mayor: Jai Bhagwan Yadav (BJP) & Ariba Khan (Congress)#Elections will be held in the General Meeting of the House on April 25.#mcd pic.twitter.com/yj24aw5XA7
— Municipal Corporation of Delhi (@MCD_Delhi) April 21, 2025
ससुर रहे हैं पार्षद
अकाली दल से राजनीति की शुरुआत करने वाले राजा इकबाल सिंह बीजेपी में तेजी से उभरे हैं। उनके ससुर जीटीबी नगर से पार्षद रह चुके हैं। उनके साल फिलहाल शिरोमणि अकाली दल (SAD) में हैं। राजा इकबाल खुद भी जीटीबी नगर से जीत दर्ज कर चुके हैं। वे निगम के सिविल लाइंस जोन का हिस्सा भी 2020 में रहे हैं। उसी महीने अकाली दल ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में बीजेपी से समर्थन वापस लिया था।
रिजाइन देने से किया था इनकार
उस समय अकाली दल ने राजा इकबाल को सभी पद छोड़ने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था। 9 माह बाद बीजेपी ने उनको उत्तर दिल्ली नगर निगम में मेयर की जिम्मेदारी दी थी। दिल्ली में कमजोर होते अकाली दल को राजा इकबाल सिंह ने अलविदा कह दिया था। राजा इकबाल की गिनती कम बोलने वाले नेताओं में होती है।
यह भी पढ़ें:कौन सा पाकिस्तानी वीजा भारत में मान्य, किन-किन लोगों को 48 घंटे में छोड़ना होगा देश?