Agnipath Scheme: दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को सेना में केंद्र सरकार की भर्ती अग्निपथ योजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। साथ ही योजना को लेकर दायर की गई सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने रक्षा सेवाओं में पिछली भर्ती योजना के अनुसार बहाली की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि योजना में हस्तक्षेप करने का कोई ठोस कारण नहीं है।
कोर्ट ने पिछले साल 15 दिसंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था और पक्षकारों को 23 दिसंबर तक अदालत में शीतकालीन अवकाश शुरू होने से पहले अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा था। पिछले साल 14 जून को शुरू की गई अग्निपथ योजना में साढ़े 17 से 21 वर्ष के बीच के लोग आवेदन करने के पात्र हैं और उनका कार्यकाल चार साल का होगा। इनमें से 25 प्रतिशत अग्निवीरों को नियमित किया जाएगा।
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अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ दायर याचिका को दिल्ली HC ने किया रद्द
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— News24 (@news24tvchannel) February 27, 2023
योजना के मुताबिक, 25 प्रतिशत के अलावा बाकी बचे अग्निवीरों को भविष्य के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। इनमें से कुछ को केंद्रीय बलों, पुलिस बल और अन्य विभागों में नियुक्ति प्रक्रिया के तहत कुछ रियायत भी मिलेगी। बता दें कि कुछ दिनों पहले अग्निपथ योजना के तहत भर्ती नियमों में कुछ बदलाव किया गया है। इसके तहत ITI- पॉलिटेक्निक पास आउट आवेदन कर सकेंगे।
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योजना को लेकर कई राज्यों में हुए थे विरोध प्रदर्शन
योजना की घोषणा के बाद कई राज्यों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। बाद में, सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया। 19 जुलाई, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था।
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