5 Reasons AAP May Lose if Delhi Exit Polls Are Correct: दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर मतदान हो चुका है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 60.44 प्रतिशत मतदान हुआ। एग्जिट पोल के आंकड़ों की बात करें तो राजधानी में 27 साल बाद बीजेपी की सरकार बनती नजर आ रही है। हालांकि एग्जिट पोल अक्सर गलत साबित होते हैं, ऐसा हाल के दिनों में कई बार देखने को मिला।
दिल्ली चुनाव में मतदान के बाद जारी हुए कुल 11 एग्जिट पोल्स में से 9 में बीजेपी को सत्ता मिलते दिख रही है। वहीं 2 एग्जिट पोल आप की चौथी बार सरकार बनने का अनुमान जता रहे हैं। अगर एग्जिट पोल सही साबित होते हैं तो आइये जानते हैं ऐसे 5 कारण जिसके कारण दिल्ली में बीजेपी को सत्ता मिलेगी।
आप के वादे और यमुना में जहर
2013 में जब आप का उदय हुआ तो दिल्ली के लोगों को लगा कि कांग्रेस और भाजपा का राजनीतिक विकल्प है। इसके बाद आप को 2015 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का मौका मिला। उसने भारी बहुमत से सरकार बनाई। चुनाव के दौरान आप ने फ्री बिजली और पानी के वादे किए। 2020 के चुनाव में भी आप को प्रचंड बहुमत मिला। इस चुनाव में आप ने महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा का वादा किया। इन सब योजनाओं को अगर छोड़ दे तो प्रदेश में विकास के कुछ खास काम नहीं हुए।
बीजेपी ने लगातार मौहल्ला क्लीनिक की बदहाली को मुद्दा बनाया। दिल्ली की केजरीवाल सरकार अधिकांश समय केंद्र के साथ अधिकारों को लेकर उलझी रही। इसके लिए उसे बार-बार सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। आप के 2023 तक 20 लाख नौकरियां पैदा करने का वादा भी हवा-हवाई साबित हुआ। केजरीवाल बार-बार कई इंटरव्यू में यमुना को साफ करने का दावा कर चुके थे। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार ने केजरीवाल सरकार को कई बार घेरा। चुनाव के दौरान यमुना में जहर की बात कहकर केजरीवाल ने बैठी-बैठाई बीजेपी को नया मुद्दा दे दिया। इसके बाद पीएम मोदी से लेकर बीजेपी के तमाम नेताओं ने इस पर केजरीवाल से सवाल पूछा।
ब्रांड केजरीवाल
आप के गठन के बाद से ही अरविंद केजरीवाल आप पार्टी के चेहरा हैं। उन्होंने अपनी सादगी वाली छवि से दिल्ली के लोगों के मन में जगह बनाई। वे कुर्ता और नेहरू जैकेट से दूर आम आदमी के वेश में रहने लगे। उनकी भ्रष्टाचार विरोधी छवि से उनकी देश-दुनिया में चर्चा होने लगी। दिल्ली आबकारी नीति मामले में उनका नाम सामने आने के बाद उसकी छवि को काफी नुकसान पहुंचा। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता। इसके बाद बीजेपी ने सीएम आवास पर हुए बेतहाशा खर्च को भी मुद्दा बनाया। आबकारी नीति मामले में जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने सीएम की कुर्सी छोड़ दी।
मध्यम वर्ग का जादू
दिल्ली में मिडल क्लास के मतदाता सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। आप की फ्री योजनाओं ने झुग्गी झोपड़ियों में मतदाताओं को लुभाने में बड़ी सफलता हासिल की। दिल्ली में मतदान से कुछ दिन पहले केंद्रीय बजट में मोदी सरकार ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत देते हुए इनकम टैक्स छूट बढ़ाकर 12 लाख रुपये तक कर दी। ऐसे में अगर एग्जिट पोल सही साबित होते हैं तो इसमें मिडिल क्लास का बहुत बड़ा योगदान होगा।
बीजेपी का आक्रामक चुनाव प्रचार
दिल्ली में बीजेपी ने आक्रामक चुनाव प्रचार अभियान चलाया जिसके लिए वो हमेशा से ही जानी जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री दिल्ली पहुंचे और प्रचार किया। इसके बाद बीजेपी का माइक्रो लेवल चुनावी मैनेजमेंट भी जीत में बड़ी भूमिका निभाएगा। हालांकि ये सभी दावे हैं फिलहाल तो सभी को नतीजों का इंतजार है। आप के खिलाफ 10 साल की एंटी इनकम्बेंसी का फायदा भी बीजेपी ने उठाया, इस बात से भी कोई इनकार नहीं कर सकता।
भाजपा विरोधी वोटों का विभाजन
लोकसभा चुनाव 2024 में दिल्ली में आप और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा। परिणाम यह हुआ कि बीजेपी के जीत का मार्जिन इस बार कम हो गया। हालांकि बीजेपी दिल्ली की सभी 7 सीटें जीतने में सफल रही। अगर विधानसभा में आप और कांग्रेस साथ चुनाव लड़ते तो इसका नुकसान बीजेपी को होता क्योंकि लोकसभा की तुलना में विधानसभा का क्षेत्र जनसंख्या के आधार पर काफी छोटा होता है। ऐसे में अगर दोनों पार्टियों का वोट एक होता तो बीजेपी को नुकसान होता। इसके अलाव एआईएमआईएम, बसपा, आजाद समाज पार्टी, एनसीपी ने भी कई सीटों पर चुनाव लड़ा। इससे आप का मूल वोटबैंक बिखर गया या यूं कहे कि बीजेपी उसमें सेंधमारी करने में सफल रही। अगर एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित हुए तो ये पांच कारण होंगे बीजेपी की जीत में बड़ी भूमिका निभाएंगे।