Delhi CM Oath Ceremony: रेखा गुप्ता आज दिल्ली के सीएम पद की शपथ लेंगी। वे बुधवार शाम को हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में नेता चुनी गईं। 50 वर्षीय रेखा गुप्ता शालीमार बाग सीट से जीतकर पहली बार सीएम बनी हैं। उन्होंने आप की वंदना कुमारी को 29 हजार 595 वोटों से हराया था। रेखा आरएसएस की सक्रिय सदस्य रहीं हैं। रेखा गुप्ता दिल्ली भाजपा की महासचिव और बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। बता दें कि इससे पहले रेखा दो बार विधायक का चुनाव हार चुकी हैं। इसके बावजूद उन्हें सीएम क्यों चुना गया? आइये जानते हैं तीन बड़ी वजहें।
1.आरएसएस की पहली पसंद
रेखा गुप्ता पहली बार चुनाव जीतीं और सीएम बनने जा रही है। माना जा रहा है कि संघ ने बीजेपी के सामने रेखा गुप्ता के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे बीजेपी ने स्वीकार कर लिया। रेखा छात्र राजनीति में सबसे पहले एबीवीपी से जुड़ीं। इस दौरान वह संघ में भी सक्रिय हुई। उसके बाद बीजेपी में महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दिल्ली बीजेपी की उपाध्यक्ष बनाया गया।
2. बीजेपी की 27 साल बाद दिल्ली में दूसरी बार सरकार बनवाने में महिलाओं की बड़ी भूमिका रही। इस बार महिलाओं ने मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। दिल्ली के इतिहास में पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने अधिक मतदान किया। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में महिलाओं से जुड़ी 5 योजनाओं की घोषणा की थी।
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3. नेतृत्व क्षमता
रेखा गुप्ता छात्र राजनीति में काफी सक्रिय रही। 1994-95 दिल्ली के दौलत राम काॅलेज में स्टूडेंट विंग की सचिव रही। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी की सचिव बनीं। 1996-97 में डीयू की अध्यक्ष बनीं। इस दौरान ही वह संघ में सक्रिय हो गई। 2003-04 में बीजेपी दिल्ली में युवा मोर्चा की सचिव बनीं। 2004-06 में बीजेपी युवा मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव नियुक्त हुईं। वह 2007 और 2012 में पार्षद चुनी गईं।
4. रेखा गुप्ता पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की तरह वैश्य समुदाय से आती हैं। दिल्ली में व्यापारी वर्ग बीजेपी का कोर वोटर माना जाता है। नतीजों के बाद से ही विजेंद्र गुप्ता, जितेंद्र महाजन और रेखा गुप्ता का नाम सीएम के दावेदारों में था। ऐसे में महिला होने की वजह से बीजेपी ने उनके नाम पर दांव खेला।
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