Delhi CA Commits Suicide: दिल्ली के बाराखंबा से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां एक घर में CA (चार्टर्ड अकाउंटेंट) का शव पंखे से लटका हुआ मिला। वहीं, उसके बगल के टेबल पर एक नोट मिला। कमरे के अंदर का सीन देख देखकर साफ पता चल रहा था कि CA ने आत्महत्या की है। जानकारी के अनुसार, आज सुबह घर के अंदर ही खुदकुशी की थी। सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस की टीम पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। मृतक युवक की पहचान CA धीरज कंसल के रूप में हुई है।
मेरी वजह से कोई डिप्रेश में नहीं होगा…
यह घटना बाराखंबा थाना इलाके की है। मृतक धीरज कंसल की उम्र 25 साल थी और वह अविवाहित था। धीरज गुड़गांव की एक कंपनी में काम कर रहा था। धीरज ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने लिखा कि प्लीज आज लोग मेरी मौत पर दुखी मत होना। मेरे लिए ये मौत मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा है। आत्महत्या करना मेरे लिए बुरा नहीं है, क्योंकि मुझ पर किसी की जिम्मेदारी नहीं है। मुझे किसी से बहुत ज्यादा लगाव भी नहीं है। ऐसा नहीं है कि मेरी वजह से कोई डिप्रेशन में जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि कई लोगों को तो ये एहसास भी नहीं होगा कि उनके बीच कोई कमी है।
दिल्ली के बाराखंबा थाना इलाके में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट ने आत्महत्या की
मृतक का नाम धीरज कंसल है
---विज्ञापन---धीरज गुड़गांव की एक कंपनी में काम कर रहा था
आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था pic.twitter.com/ocXXFjIkSn
— Pooja Mishra (@PoojaMishr73204) July 28, 2025
कई साल पहले ही मर जाना चाहिए था…
सुसाइड नोट में आगे लिखा कि मुझे कई साल पहले ही मर जाना चाहिए था। यह एक चमत्कार ही है कि मैं अपनी दादी की मौत के बाद इतने साल जी पाया। मैं इतना डरपोक था कि घर से बाहर जाने से भी हमेशा डरता था। बेशक, ये महादेव ही होंगे जिन्होंने मुझे जिंदा रखा। मैंने उनसे कई बार पूछा कि आप मुझे जिंदा क्यों रख रहे हैं? लेकिन उन्होंने कभी जवाब नहीं दिया।
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सरकार और पुलिस से खास गुजारिश
धीरज ने सुसाइड नोट में लिखा कि मेरी सरकार और पुलिस से एक गुजारिश है कि वह मेरी मौत की वजह से किसी को परेशान न करें। मुझे जिंदगी में मिले हर एक इंसान ने मेरे साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया है। इसलिए मैं सभी से गुजारिश करता हूं कि कृपया मेरी मौत की वजह से किसी को परेशान या सवाल न करें। मेरी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार न ठहराया जाए। बस यह भूल जाइए कि धीरज नाम का कोई जीव भी धरती पर था। मेरी मौत के बाद मेरे पैसे अनाथालयों और वृद्धाश्रमों में बांट दीजिएगा। मौत के बाद अगर मेरे शरीर के अंग दान किए जा सकते हैं, तो उन्हें दान कर दीजिए।