Delhi Budget 2023: दिल्ली सरकार के बजट को मंगलवार को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है। संभावना है कि बुधवार को दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत सदन में बजट पेश किया जा सकता है। बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बजट को स्वीकृति देने की अपील की थी। इसके कुछ घंटे बाद ही दिल्ली के बजट पर केंद्र सरकार की मुहर लग गई।
बता दें कि एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से आप सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया था। कहा गया था कि बजट प्रस्ताव में विज्ञापन के लिए अधिक जबकि बुनियादी ढांचे और अन्य विकास कार्यों के लिए कम धन आवंटित किया गया था।
Delhi Annual Budget 2023-24 approved by the Ministry of Home Affairs. Approval has been conveyed to Delhi Government: Sources pic.twitter.com/iJMcOMqPal
— ANI (@ANI) March 21, 2023
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न्यूज एजेंसी ANI को सूत्रों ने बताया, “दिल्ली वार्षिक बजट 2023-24 को गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है।” दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने मंगलवार को कहा कि इस मुद्दे पर आप सरकार और केंद्र के बीच विवाद के बीच बजट फाइल को मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय को फिर से भेजा गया था।
दिल्ली का बजट होल्ड पर रखे जाने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने आरोपों का खंडन किया और पार्टी ने कहा कि कुल बजट का आकार 78,800 करोड़ रुपये था, जिसमें से 22,000 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे पर खर्च के लिए और विज्ञापनों पर सिर्फ 550 करोड़ रुपये रखे गए थे।
विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा विधायक में हुई तीखी नोकझोंक
इससे पहले दिन में दिल्ली विधानसभा में अध्यक्ष रामनिवास गोयल और भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता के बीच इस मुद्दे को लेकर तीखी नोकझोंक हुई। हंगामा तब शुरू हुआ जब विपक्षी विधायकों को अध्यक्ष द्वारा शांत होने को कहा गया ताकि वित्त मंत्री कैलाश गहलोत अपना भाषण दे सकें।
बीजेपी का आरोप है कि दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली के बजट में किए गए आवंटन को मीडिया में लीक कर दिया। उन्होंने विशेषाधिकार के उल्लंघन को लेकर गहलोत का इस्तीफा मांगा है।
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र ने दिल्ली के बजट को रोकने की साजिश रची, वहीं भाजपा ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते हुए उन पर सस्ते प्रचार के लिए शहर की सरकार के बजट को लेकर विवाद पैदा करने और अपनी गलतियों को छिपाने का आरोप लगाया। दिल्ली के बजट को मंगलवार को विधानसभा में पेश किया जाना था।