Delhi AQI deteriorates to 468: दिल्ली की आबोहवा लगातार जहरीली होती जा रही है, शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया था। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, शनिवार को भी दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई 468 के आसपास रिकॉर्ड किया गया है। वहीं, नोएडा में एक्यूआई 492 दर्ज किया गया ,जो एयर क्वालिटी के लिए गंभीर माना जाता है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक नवंबर से लेकर अगले 15-20 दिनों तक राजधानी की खराब एयर क्वालिटी की स्थिति पर चिंता जाहिर की थी।
राजधानी दिल्ली की गंभीर एयर क्वालिटी दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक बनी हुई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है। शनिवार को आनंद विहार इलाके में एक्यूआई 448, जहांगीरपुरी में 421, द्वारका सेक्टर-8 में 435 और आईजीआई एयरपोर्ट (टी3) के आसपास 421 दर्ज किया गया है।
Air quality across Delhi continues to be in the 'Severe' category as per the Central Pollution Control Board (CPCB).
---विज्ञापन---AQI in Anand Vihar area at 448, in Jahangirpuri at 421, in Dwarka Sector-8 at 435 and around IGI Airport (T3) 421 pic.twitter.com/ks3dgGZJtu
— ANI (@ANI) November 4, 2023
पंजाब और हरियाणा से आ रही हवा कर रही दिल्ली की हवा को प्रदूषित
आपको बता दें कि पिछले साल AQI 3 नवंबर को 450 पर पहुंच गया था। वास्तव में, शुक्रवार को हवा की गुणवत्ता तीन साल में सबसे खराब स्तर पर थी, क्योंकि दोपहर के समय AQI 475 तक गिर गया था, जो 10 नवंबर, 2020 (476) के बाद सबसे जहरीला था। पंजाब और हरियाणा से दिल्ली की ओर बहने वाली उत्तर-पश्चिमी हवाएं अपने साथ धान के खेतों से काले जहरीले धुएं का गुबार लेकर आईं थी। जिससे दिल्ली की हवा लगातार गंभीर होती जा रही है। पंजाब और हरियाणा में गुरुवार को खेतों में आग लगने की 1,580 घटनाएं (पंजाब में 1,552 और हरियाणा में 28) हुईं, जो लगभग एक दिन पहले हुई थीं। इससे दिल्ली के हवा खराब से गंभीर होती जा रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली की हवा स्वस्थ लोगों को भी बीमार कर देगी और उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाएगी।
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वहीं, आकाश हेल्थकेयर के श्वसन और नींद चिकित्सा के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अक्षय बुधराजा ने फेफड़ों की क्षमता में कमी और शरीर की रक्षा तंत्र पर प्रभाव के बारे में चेतावनी दी, जिससे निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, ग्रसनीशोथ, कंजक्टिवाइटिस (आंख आना) हो सकता है। स्वस्थ वयस्क भी अस्थमा जैसे लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं, जो फेफड़ों के संक्रमण का संकेत भी हो सकता है।
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