नई दिल्ली: डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन ऑफ दिल्ली (DDCD) के उपाध्यक्ष जैस्मिन शाह ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल, हाल ही में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के आदेश के बाद डीडीसीडी का दफ्तर सील कर दिया गया था। इसी को चुनौती देते हुए उन्होंने अदालत में याचिका दायर की है।
इससे पहले भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने जैस्मिन शाह पर सरकारी पद पर रहते हुए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता की तरह काम करने का आरोप लगाया था। उन्होंने जैस्मिन पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। वहीं, आप की तरफ से बताया गया था कि एलजी को डीडीसीडी मामले में कार्रवाई का अधिकार नहीं है। तर्क था कि जैस्मिन शाह को दिल्ली कैबिनेट ने नियुक्त किया है। इसलिए कैबिनेट ही कार्रवाई कर सकती है।
जानकारी के मुताबिक उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार से कहा था कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अपने कार्यालय का दुरुपयोग करने के लिए डीडीसीडी के उपाध्यक्ष के पद से जैस्मीन शाह को हटाए। उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी पत्र में डीडीसीडी के कार्यालय को भी सील करने का आदेश दिया गया था। जिसके बाद सिविल लाइन एसडीएम के आदेश पर डीडीसीडी दफ्तर सील किया गया था।