CRPF 85th Raising Day: पवन मिश्रा। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) का 85 वां स्थापना दिवस मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर तपन कुमार डेका निदेशक आईबी शामिल हुए। जिन्होंने सीआरपीएफ के महानिदेशक डॉ. सुजॉय लाल थाओसेन के साथ मरणोपरांत वीरता पदक पाने वाले सीआरपीएफ के जवानों के परिवारों को सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने 60 वीरता पदक के संबंध में जानकारी भी दी।
बच्चों को भी किया गया सम्मानित
इस दौरान सीआरपीएफ में तैनात पुलिस कर्मियों के मैधावी बच्चों को भी सम्मानित किया गया। जहां आईबी के निदेशक तपन कुमार डेका ने मेधावी बच्चों को डीजी ट्रॉफी, योग्यता प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार दिए। इस दौरान ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले 2250 बहादुर जवानों को भी श्रद्धाजंलि दी गई।
सेवा और निष्ठा ही पहला काम
इस दौरान आईबी के निदेशक तपन कुमार डेका ने कहा कि सीआरपीएफ की जिम्मेदारियां देश के लिए समर्पित हैं। राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा को लेकर कई प्रतिकूल समस्याओं को भी सीआरपीएफ ने बड़े प्रभारी ढंग से निपटाया है। जिसके लिए हमने हमेशा लोकाचार का पालन भी किया है। सेवा और निष्ठा यही राष्ट्र की विश्वसनीयता और विश्वास जीतना हमारा काम है। सीआरपीएफ के महानिदेशक डॉ. सुजॉय लाल थाओसेन ने कहा कि हमने अपने 84 सालों के इतिहास में हमेशा अनुकरणीय साहस और वीरता का प्रदर्शन किया है और उसे 2469 वीरता से सम्मानित किया गया है। पदक जो सभी सीएपीएफ में सबसे अधिक थे।
1939 में हुई थी स्थापना
बता दें साल 1939 में नीमच में 1 बटालियन की क्षमता के साथ गठित, सीआरपीएफ अब देश भर में तैनात 246 बटालियनों के साथ एक दुर्जेय बल के रूप में विकसित हो चुकी है। इस दौरान सीआरपीएफ ने अदम्य साहस, अभूतपूर्व धैर्य और अपनी वीरता का परिचय दिया है।
इसलिए सीआरपीएफ को सबसे ज्यादा वीरता पदकों से सम्मानित किया गया है। सीआरपीएफ बल की सर्वोत्तम परंपराओं में “सेवा और वफादारी” के अपने पवित्र लोकाचार का समर्थन करते हुए, निस्वार्थ भाव से राष्ट्र की सेवा करने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराता है और बल की क्षमता और प्रतिबद्धता में अपना विश्वास प्रदान करने के लिए राष्ट्र के प्रति अपना आभार व्यक्त करता है।