CM Arvind Kejriwal : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में खामियों को लेकर एक बार फिर इशारों-इशारों में केंद्र में सत्तासीन नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। 77वें स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित समारोह में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सरकार को टैक्स ऐसा लेना चाहिए कि व्यापारी का इसका एहसास ही नहीं हो।
जीएसटी में आमूल चूल परिवर्तन की जरूरत
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे देश का उद्योगपति ईमानदारी से काम करना चाहता है, लेकिन सिस्टम ऐसा बना दिया है कि जानबूझकर बेइमानी करनी पड़ती है। मुझे लगता है कि जीएसटी में आमूल चूल परिवर्तन करने की जरूरत है। देश का व्यापारी जीएसटी हैंडल नहीं कर पा रहा है।
देश का व्यापारी दुखी
सीएम ने उदाहरण देते हुए कहा कि चाणक्य ने एक बार कहा था कि जब कोई राजा टैक्स लेता है तो उसे ऐसे टैक्स लेना चाहिए जैसे मधुमक्खी बड़े प्यार से फूल से शहद निकालती है और फूल को पता ही नहीं चलता है कि शहद निकाल लिया गया है। ठीक ऐसे ही सरकार को व्यापारियों से टैक्स लेना चाहिए, जिससे व्यापारी को पता ही नहीं चले कि टैक्स लिया जा रहा है। इसके उलट टैक्स इतना जटिल कर दिया है कि व्यापारी दुखी है तो व्यापारी व्यापार कैसे करेगा और व्यापार नहीं करेगा तो देश तरक्की कैसे करेगा।
बिना सद्भाव कैसे बनेंगे विश्व गुरु
अरविंद केजरीवाल ने भाई-भाई को मार रहा है। ऐसे अस्थिरता के दौर में भारत कैसे विश्व गुरु बनेगा? सीएम ने कहा कि अगर भारत को विश्वगुरु बनाना है तो लोगों को सद्भाव के साथ रहना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जीएसटी का ढांचा बेहद जटिल है जिसे आसान बनाया जाना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने देशभर में बिजली फ्री करने का फॉर्मूला भी दिया। साथ ही कहा कि इसके लिए नीयत होनी चाहिए। सिर्फ हमें इस महकमे में फैले भ्रष्टाचार को रोकना होगा बस।


 
 










