CAQM big decision air pollution : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की एयर क्वालिटी बेहतर करने के उद्देश्य से, एनसीआर के आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों को निर्देश दिया है, जिसमें कहा गया है कि एक नवम्बर से इन राज्यों में ईवी/सीएनजी/बीएस-6 डीजल बसों को ही चलने की अनुमति दी जाएगी।
ईवी/सीएनजी/बीएस-6 डीजल बसों को अनुमति
आयोग ने शुक्रवार को यह घोषणा की है। इसका मकसद इन राज्यों से बीएस-3 और बीएस-4 डीजल बसों को स्टेप बाई स्टेप तरीके से बदलना/हटाना है। इसके अतिरिक्त, 2023-24 के दौरान नई बीएस-6 डीजल बसें खरीदने की भी योजना है। हरियाणा राज्य और दिल्ली राज्य के किसी भी शहर/कस्बे के बीच सभी बस सेवाएं 1 नवंबर, 2023 से केवल ईवी/सीएनजी/बीएस-6 डीजल बसों के माध्यम से संचालित की जाएंगी। राजस्थान के गैर-एनसीआर क्षेत्रों से दिल्ली के लिए सभी बस सेवाएं भी 1 जनवरी, 2024 से ईवी/सीएनजी/बीएस-6 डीजल बसों के माध्यम से सुनिश्चित की जाएंगी।
एडवाइजरी में क्या कहा गया ?
आयोग द्वारा 19 जुलाई, 2023 को एक एडवाइजरी भी जारी की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि 1 नवंबर, 2023 तक संबंधित राज्यों में एनसीआर क्षेत्रों से चलने वाली और दिल्ली जाने वाली सभी बसें या तो ईवी या सीएनजी या फिर बीएस-6 डीजल बसें होंगी। एनसीआर राज्यों की नई बीएस-6 डीजल/सीएनजी बसें/ईवी खरीदने की योजना और पुरानी डीजल बसों (बीएस-4 और उससे नीचे) को एनसीआर के अलावा अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरित करने के दिशा-निर्देश दिए हैं। यह भी बताया गया कि एनसीआर में संबंधित ईवी पॉलीसी के अनुसार सीएनजी बसों और ईवी की खरीद भी चल रही है।
राजस्थान, यूपी और दिल्ली
राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के किसी भी एनसीआर शहर/कस्बे के साथ-साथ एनसीआर के किसी भी अन्य शहर/कस्बे के बीच सभी बस सेवाएं 1 नवंबर, 2023 से केवल ईवी/सीएनजी/बीएस-6 डीजल बसों के माध्यम से संचालित की जाएंगी। बता दें कि यूपी के आठ एनसीआर जिलों के भीतर चलने वाली सभी बस सेवाएं भी 1 अप्रैल, 2024 से बीएस -6 डीजल बसों के माध्यम से संचालित होंगी।
दिए गए निर्देश
इसके अलावा, एनसीटी दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग/यातायात पुलिस विभाग और एनसीटी के सभी राज्यों को राज्य पब्लिक सेक्टर के उपक्रमों(undertakings) और निजी संस्थाओं आदि द्वारा संचालित बस सेवाओं सहित क्षेत्र स्तर के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है।