Arvind Kejriwal ED Remand: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हिरासत की अवधि बढ़ाने के लिए ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने भी अपना पक्ष रखा और दावा किया कि मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं है। ईडी ने केवल आम आदमी पार्टी को तोड़ने के लिए मुझे फंसाया और गिरफ्तार किया। हालांकि, अदालत ने केजरीवाल की रिमांड 1 अप्रैल तक के लिए आगे बढ़ा दी। ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू पेश हुए थे तो केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता थे। पढ़िए सुनवाई के दौरान केजरीवाल और ईडी ने क्या-क्या दलीलें दी थीं।
1 अप्रैल तक अरविंद केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजा गया #ArvindKejriwal #ED #DelhiLiquorPolicyCase pic.twitter.com/BBVs4fVWuW
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सवालों के सही जवाब नहीं दे रहे केजरीवाल: ईडी
ईडी की ओर से एसवी राजू ने कहा कि केजरीवाल के बयान दर्ज किए गए हैं। वो सवालों के सीधे सीधे जवाब नहीं दे रहे। हमें जो डिजिटल डाटा मिला था उसकी भी जांच की जा रही है। केजरीवाल ने अभी तक मोबाइल का पासवर्ड नहीं दिया है। अगर वह पासवर्ड नहीं देते हैं तो ऐसी सूरत में पासवर्ड ब्रेक करके मोबाइल ओपन करना होगा।
शरद रेड्डी की गिरफ्तारी-जमानत का मुद्दा भी उठा
केजरीवाल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस मामले में शरद रेड्डी ने गिरफ्तारी के बाद भाजपा को 55 करोड़ रुपये दिए थे। इसके बाद रेड्डी को जमानत मिल गई। इस पर ED ने कहा कि जिस पैसे की बात बीजेपी को दिए जाने का आप केजरीवाल लग रहे हैं उसका शराब घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है इसमें कोई सांठ-गांठ नहीं हुई है।
न आरोप तय हुए न दोषी करार दिया: केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि या मामला दो साल से चल रहा है। अगस्त 2022 को सीबीआई का केस फाइल हुआ था। न मुझे किसी कोर्ट ने दोषी करार दिया है और न ही आरोप तय हुए हैं। ईडी लगभग 25,000 पन्ने फाइल कर चुकी है और कई गवाह ला चुकी है। ईडी के दबाव में लोग गवाह बन रहे हैं असली घोटाला ED की जांच के बाद शुरू हुआ।
अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट में कहा- ED का मकसद गिरफ्तार करना था#ArvindKejriwal #ED #DelhiLiquorPolicyCase pic.twitter.com/4Q1b4GXkHi
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‘एक बयान में नाम आने पर गिरफ्तारी सही नहीं है’
ED के दो मकसद थे, आम आदमी पार्टी को तोड़ना और ऐसा माहौल बनाना कि आप भ्रष्टाचारी है। दिल्ली के सीएम ने यह भी कहा कि 7 में से 6 बयानों में मेरा नाम नहीं आया। लेकिन जैसे ही सातवें बयान में मेरा नाम आया, गवाह को छोड़ दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि क्या सिर्फ इतने आधार पर एक सीएम को गिरफ्तार करना सही है?
‘असली घोटाला ईडी की जांच के बाद शुरू हुआ’
मेरे घर कई मंत्री आते हैं, वो आपस में खुसर-पुसर करते हैं, दस्तावेज देते हैं। क्या ये बयान एक सिटिंग सीएम को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त है? ईडी के दफ्तर में 1 लाख पन्ने हमारे पक्ष में हैं, उन्हें रिकॉर्ड्स में नहीं लाया जाता है। शराब घोटाले के पैसे कहां हैं कहां? केजरीवाल ने दावा किया कि असली घोटाला ईडी की जांच के बाद शुरू हुआ था।