Action Against BJP Candidate Parvesh Verma: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए नई दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवार प्रवेश वर्मा की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। चुनाव आयोग ने प्रवेश वर्मा पर कार्रवाई करने के आदेश दिल्ली पुलिस को दिए हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेशनल कन्वीनर और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवेश वर्मा पर वोटरों को पैसे बांटने और उनके लिए रोजगार शिविर लगाने के आरोप लगाए थे।
प्रवेश वर्मा (Parvesh Varma) के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग वाला एक शिकायती पत्र चुनाव आयोग को सौंपा था। अब दिल्ली पुलिस शिकायत और आरोपों की जांच करेगी। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि प्रवेश वर्मा ने आदर्श आचार संहिता का उल्ल्ंघन किया है। प्रवेश ने कोड ऑफ कंडक्ट लगी होने के बावजूद भाजपा के ‘हर घर नौकरी’ अभियान के तहत लोगों का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए रोजगार शिविर लगाया और अपने इलाके में वोटरों को 1100-1100 रुपये भी बांटे।
हिन्दुओं को बांटने का अरविंद केजरीवाल के इशारों पर चुनाव आयोग द्वारा काम किया जा रहा है। नई दिल्ली विधानसभा में हमारे वाल्मीकि मंदिर में चुनाव आयोग द्वारा वोटरों का वेरिफिकेशन किया जा रहा है मगर मस्जिदों और दरगाहों में नहीं किया जा रहा है।
---विज्ञापन---मैं चुनाव आयोग से आग्रह करता हूँ कि वो… pic.twitter.com/6iaQCRv4Xs
— Parvesh Sahib Singh (@p_sahibsingh) January 14, 2025
दिल्ली पुलिस और चुनाव अधिकारियों को कड़े निर्देश
चुनाव आयोग के आदेश पर नई दिल्ली जिला निर्वाचन अधिकारी ने दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को कार्रवाई करने के आदेश दिए। उनसे कहा किया गया कि वे दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर रोजगार शिविर लगाने और 1100 रुपये बांटने के आरोपों की जांच करें और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 127ए के तहत प्रवेश वर्मा के खिलाफ कार्रवाई करें। दिल्ली के संयुक्त पुलिस आयुक्त, दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट और तिलक मार्ग के स्टेशन हाउस अफसर को भी कार्रवाई करने के आदेश की कॉपी भेजी गई है।
आदेश कॉपी में रिटर्निंग अधिकारी को यह सुनिश्चित करने को भी कहा गया है कि 15 जनवरी को कई रोजगार शिविर न लगे। क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने अने शिकायती पत्र में यह जानकारी भी दी है कि प्रवेश वर्मा 15 जनवरी को एक और रोजगार मेला लगाने जा रहा है। हेल्थ कैंप लगाकर लोगों को मुफ्त चश्मे भी बांट रहा है। विरोध करने पर चुनाव अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव डलवाने के आरोप भी लगाए गए हैं। साथ ही मांग की गई है कि प्रवेश वर्मा भ्रष्ट आचरण कर रहे हैं। इसलिए उन्हें चुनाव लड़ने से भी रोका जाना चाहिए।
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