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Aadi Mahotsav: पीएम मोदी बोले- आदिवासी बच्चे देश के किसी भी कोने में हों, उनकी शिक्षा और उनका भविष्य मेरी प्राथमिकता

Aadi Mahotsav: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में मेगा नेशनल ट्राइबल फेस्टिवल ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को भी पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि जैसे भारत की अनेकता और भव्यता […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Feb 16, 2023 13:13
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Aadi Mahotsav: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में मेगा नेशनल ट्राइबल फेस्टिवल ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को भी पुष्पांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि जैसे भारत की अनेकता और भव्यता आज एक साथ खड़ी हो गई हैं। यह भारत के उस अनंत आकाश की तरह है जिसमें उसकी विविधताएं इंद्रधनुष की तरह उभर कर सामने आ जाती हैं। यह अनंत विवधिताएं हमें एक भारत – श्रेष्ठ भारत के सूत्र में पिरोती हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह महोत्सव विकास और विरासत के विचार को और अधिक जीवंत बना रहा है। जो पहले खुद को दूर-सुदूर समझता था अब सरकार उसके द्वार जा रही है, उसको मुख्यधारा में ला रही है। आदिवासी समाज का हित मेरे लिए व्यक्तिगत रिश्तों और भावनाओं का विषय है।

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पीएम बोले- मैंने आदिवासी परंपराओं को करीब से देखा है

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने देश के कोने कोने में आदिवासी समाज और परिवार के साथ अनेक सप्ताह बिताए हैं। मैंने आपकी परंपराओं को करीब से देखा भी है, उनसे सीखा भी है और उनको जिया भी है। आदिवासियों की जीवनशैली ने मुझे देश की विरासत और परंपराओं के बारे में बहुत कुछ सिखाया है। आपके बीच आकर मुझमें अपनों से जुड़ने का भाव आता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज वैश्विक मंचों से भारत आदिवासी परंपरा को अपनी विरासत और गौरव के रूप में प्रस्तुत करता है। आज भारत विश्व को बताता है कि अगर आपको जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों का समाधान चाहिए तो हमारे आदिवासियों की जीवन परंपरा देख लीजिए… आपको रास्ता मिल जाएगा।

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पीएम बोले- 90 लघु वन उत्पादों पर सरकार MSP दे रही है

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम कैसे प्रकृति से संसाधन लेकर भी उसका संरक्षण कर सकते हैं इसकी प्रेरणा हमें हमारे आदिवासी समाज से मिलती है। भारत के जनजातीय समाज द्वारा बनाए जाने वाले उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है और ये विदेशों में निर्यात किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ट्राइबल प्रोडक्ट्स ज्यादा से ज्यादा बाजार तक आयें, इनकी पहचान बढ़े, इनकी डिमांड बढ़े, सरकार इस दिशा में भी लगातार काम कर रही है। देश के अलग-अलग राज्यों में तीन हजार से अधिक ‘वन धन विकास केंद्र’ स्थापित किए गए हैं। आज करीब 90 लघु वन उत्पादों पर सरकार MSP दे रही है।

80 लाख से ज्यादा सेल्फ हेल्फ ग्रुप आज अलग-अलग राज्यों में काम कर रहे हैं जिसमें सवा करोड़ से ज्यादा सदस्य हमारे जनजातीय भाई-बहन हैं और इनमें भी बड़ी संख्या हमारी माताओं-बहनों की है।

प्रधानमंत्री बोले- देश में नए जनजातीय शोध संस्थान खोले जा रहे हैं

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सरकार का जोर जनजातीय आर्ट्स को प्रमोट करने, जनजातीय युवाओं के स्किल को बढ़ाने पर भी है। देश में नए जनजातीय शोध संस्थान खोले जा रहे हैं। इन प्रयासों से जनजातीय युवाओं के लिए उनके अपने ही क्षेत्र में नए अवसर बन रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आदिवासी बच्चे देश के किसी भी कोने में हों, उनकी शिक्षा और उनका भविष्य मेरी प्राथमिकता है। 2004 से 2014 के बीच केवल 90 ‘एकलव्य स्कूल’ खुले थे जबकि 2014 से 2022 तक हमने 500 से ज्यादा ‘एकलव्य स्कूल’ स्वीकृत किए हैं। इनमें से 400 से ज्यादा स्कूलों में पढ़ाई शुरू भी हो चुकी है और एक लाख से ज्यादा जनजातीय छात्र इन स्कूलों में पढ़ाई भी करने लगे हैं।

आदिवासी बच्चे अपनी भाषा में पढ़ सकेंगे, आगे बढ़ सकेंगे: पीएम मोदी

पीएम ने कहा कि आदिवासी युवाओं को भाषा की बाधा के कारण बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता था लेकिन अब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा में पढ़ाई का विकल्प भी खोल दिया गया है। अब हमारे आदिवासी बच्चे, आदिवासी युवा अपनी भाषा में पढ़ सकेंगे, आगे बढ़ सकेंगे।

देश जब आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को अपनी प्राथमिकता देता है, तो प्रगति के रास्ते अपने आप खुल जाते हैं। हमारी सरकार में ‘वंचितों को वरीयता’ के मंत्र को लेकर, देश विकास के नए आयाम को छू रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। देश के हजारों गांव जो पहले वामपंथी उग्रवाद से ग्रसित थे उन्हें 4G कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है। यहां के युवा अब इंटरनेट और इंफ़्रा के जरिए मुख्यधारा से कनेक्ट हो रहे हैं।

भागवान बिरसा मुंडा के बारे में जानें

बता दें कि मुंडा जनजाति से संबंध रखने वाले बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को हुआ था। 19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश शासन के दौरान उन्होंने आधुनिक बिहार और झारखंड के आदिवासी बेल्ट में एक भारतीय जनजातीय धार्मिक सहस्राब्दी आंदोलन का नेतृत्व किया था। उनकी जयंती देश में बिरसा मुंडा जयंती के रूप में मनाई जाती है। इसी दिन झारखंड स्थापना दिवस भी होता है।

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First published on: Feb 16, 2023 11:44 AM

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