नई दिल्ली: कुतुब मीनार पर मालिकाना हक के मामले में साकेत कोर्ट आज अपना सुनाएगा फैसला। साकेत कोर्ट तय करेगा कि महेंद्र ध्वज सिंह की याचिका पर सुनवाई की जाए या नहीं। याचिकाकर्ता महेंद्र ध्वज सिंह ने मालिकाना हक का दावा किया है। हालांकि पिछली सुनवाई के दौरान पूजा के अधिकार वाले याचिकाकर्ता और एएसआइ (ASI) पक्ष ने मालिकाना हक वाली अर्जी का जमकर विरोध किया।
दरअसल कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह ने कुतुब मीनार पर मालिकाना हक का दावा करते हुए याचिका दाखिल कर खुद को ‘तोमर राजा का वंशज’ बताया है। उन्होंने कुतुब-महरौली के आसपास की भूमि के स्वामित्व का भी दावा किया है। सुनवाई के दौरान महेंद्र ध्वज प्रताप सिंह के वकील ने कहा, सरकार ने 1947 में बिना हमारी अनुमति के पूरी प्रॉपटी पर कब्जा कर लिया।
वहीं एएसआई के वकील ने सुनवाई के दौरान कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि सुलतान बेगम ने लाल किले पर मालिकाना हक का दावा किया था, उस याचिका का हमने दिल्ली हाईकोर्ट में विरोध किया था। तब भी कोर्ट ने माना था कि याचिका में की गई मांग का कोई आधार नहीं बनता है। लिहाजा याचिका को खारिज कर दिया था। इसी तरह कुतुबमीनार पर मालिकाना हक का दावा करने वाले कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह की भी याचिका खारिज कर दी जाए।
आपको बता दें कि हिंदू संगठन का कहना है कि 27 हिंदू देवी-देवताओं और जैन मंदिरों को तोड़कर कुतुबमीनार का निर्माण कराया गया। इसलिए कुतुबमीनार परिसर पर पूजा करने की अनुमति दी जाए। हिंदू संगठन की ओर से इस मामले में कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई चल रही है।