Delhi Flood: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने यमुना के बढ़ते जलस्तर को लेकर चिंता जताई है, क्योंकि बुधवार रात तक 207.72 मीटर तक जलस्तर पहुंचने का अनुमान है। साथ ही मांग की कि हथिनीकुंड से सीमित मात्रा में पानी छोड़ा जाना चाहिए, ताकि यमुना का जलस्तर और न बढ़े। दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन होना है, इसलिए अगर दिल्ली में बाढ़ आती है, तो इससे दुनिया में अच्छा संदेश नहीं जाएगा।
जल आयोग की भविष्यवाणी अच्छी नहीं
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्रीय जल आयोग की भविष्यवाणी राजधानी के लिए अच्छी खबर नहीं है। केंद्रीय जल आयोग के एक अधिकारी के अनुसार दोपहर 1 बजे 207.49 मीटर के उच्चतम रिकॉर्ड को तोड़ने के बाद, आधी रात तक यमुना में जल स्तर 207.72 मीटर तक पहुंचने की संभावना है।
केजरीवाल ने कहा कि पिछले दो दिनों से दिल्ली में बारिश नहीं हो रही है। बावजूद इसके हथनीकुंड बैराज में हरियाणा द्वारा असामान्य रूप से अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण यमुना में जल स्तर बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की कि यमुना में जल स्तर और न बढ़े।
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal writes to Union Home Minister Amit Shah
---विज्ञापन---Limited quantity of water should be released from Hathnikund, so that the water level of Yamuna does not increase further. G20 summit is to be held in Delhi so if flood happens in Delhi, it won't send a… pic.twitter.com/iVbBUv8gTR
— ANI (@ANI) July 12, 2023
1978 का टूटा रिकॉर्ड
यमुना में आखिरी बार 1978 में रिकॉर्ड जलस्तर दर्ज किया गया था। उस वक्त नदी 207.49 मीटर के निशान को पार कर गई थी। यमुना में वर्तमान जल स्तर 207.55 मीटर है।
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के बाढ़-निगरानी पोर्टल के अनुसार पुराने रेलवे ब्रिज पर जल स्तर 2013 के बाद पहली बार सुबह 4 बजे 207 मीटर के निशान को पार कर गया और दोपहर 1 बजे तक बढ़कर 207.55 मीटर हो गया। जिससे 1978 का स्तर टूट गया। पूर्वानुमान में कहा गया है कि नदी के 207.72 तक बढ़ने और उसके बाद स्थिर रहने की संभावना है।
पुराने रेलवे ब्रिज पर यातायात बंद
सोमवार की रात नदी निकासी के निशान 206 मीटर को पार कर गई थी, जिससे बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। सड़क और रेल यातायात के लिए पुराने रेलवे पुल को बंद कर दिया गया। बता दें कि दिल्ली में बड़ी बाढ़ 1924, 1977, 1978, 1995, 2010 और 2013 में आई।
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