चंडीगढ़: राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के मनोरथ से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज टाटा ग्रुप को पहले पड़ाव में लुधियाना में 2600 करोड़ रुपए के निवेश से स्क्रैप आधारित स्टील प्लांट स्थापित करने के लिए ज़मीन के अलॉटमैंट का पत्र सौंपा।
मुख्यमंत्री ने टाटा स्टील लिमिटेड के ग्लोबल सीईओ और मैनेजिंग डायरैक्टर टीवी नरेंदरन के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के दौरान कहा, ‘‘हम पंजाब को औद्योगिक क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए दृढ़ प्रतिबद्ध हैं और टाटा ग्रुप का निवेश इस दिशा में अगला कदम है।’’ नरेंदरन ने आज यहाँ मुख्यमंत्री के साथ उनके कार्यालय में मुलाकात की।
राज्य में टाटा ग्रुप का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के औद्योगिक इतिहास में आज सुनहरी अक्षरों में लिखा जाने वाला दिन है, क्योंकि विश्व स्तर की इस अग्रणी कंपनी का राज्य में पहला निवेश है। उन्होंने आशा अभिव्यक्त की कि इस बड़े औद्योगिक समूह द्वारा यह निवेश करने से राज्य के औद्योगिक विकास की गति और तेज़ होगी। भगवंत मान ने आगे कहा कि यह पंजाब के लिए बहुत गर्व वाली बात है और राज्य में प्लांट की स्थापना और कार्यशील करने में टाटा ग्रुप को राज्य सरकार पूरा सहयोग देगी।
मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि राज्य के नौजवानों को इस प्रोजैक्ट का बहुत लाभ होगा, क्योंकि इससे रोजग़ार के नये अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि टाटा ग्रुप इस प्रोजैक्ट के पहले पड़ाव में लगभग 2600 करोड़ रुपए का निवेश करेगा, जिससे लुधियाना में पंजाब सरकार के हाई-टेक वैली इंडस्ट्रियल पार्क के साथ स्टील प्लांट स्थापित होगा। भगवंत मान ने कहा कि टाटा ग्रुप द्वारा पंजाब में यह पहला निवेश है और राज्य में औद्योगिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए मील पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने ‘इन्वैस्ट पंजाब’ की टीम की भी पीठ थपथपाई, जिसने टाटा ग्रुप के भारत के पहले स्क्रैप आधारित स्टील प्लांट की स्थापना के लिए टाटा स्टील के प्रबंधकों के प्रयासों को सहयोग किया। उन्होंने कहा कि यह बिजली पर चलने वाली आर्क पर आधारित प्लांट 0.75 एम.टी.पी.ए. फिनिश्ड स्टील का उत्पादन करेगा और स्टील बनाने की प्रक्रिया के लिए कच्चा माल 100 प्रतिशत स्क्रैप होगा। भगवंत मान ने बताया कि यह प्लांट पी.एस.आई.ई.सी. द्वारा विकसित किए गए अत्याधुनिक औद्योगिक पार्क के साथ लगने वाली 115 एकड़ ज़मीन में फैला होगा।
टाटा स्टील के सी.ई.ओ. और मैनेजिंग डायरैक्टर ने पंजाब सरकार के निरंतर सहयोग के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि पंजाब में उन्होंने अपने इच्छुक ग्रीनफील्ड प्रोजैक्ट का सही ठिकाना ढूंढ लिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में बाज़ार और स्क्रैप पैदा करने वाले ऑटो हब के नज़दीक होने के कारण पंजाब इलेक्ट्रिक आर्क फरनेस के लिए उपयुक्त स्थान है। उन्होंने कहा कि रीसाईकल के द्वारा पैदा होने वाले स्टील में कम कार्बन उत्सर्जन, कम संसाधनों की खपत और कम ऊर्जा का प्रयोग होता है, जो ग्रुप की अपने कार्यों में पर्यावरण पर प्रभाव को घटाने की प्रतिबद्धता को दिखाता है। नरेंदरन ने कहा कि टाटा ग्रुप राज्य में विकास की बेहतर संभावनाएं देखता है।
जिक्र योग्य है कि टाटा स्टील ग्रुप प्रति साल 34 मिलियन टन कच्चे स्टील की सालाना सामथ्र्य वाली शीर्ष की वैश्विक स्टील कंपनियों में से एक है। दुनिया भर में संचालन और व्यापारिक तौर पर मौजूदगी होने के स्वरूप यह विश्व के भौगोलिक तौर पर सबसे विभिन्नता वाले स्टील उत्पादकों में से एक है। इस ग्रुप ने 31 मार्च, 2021 को ख़त्म हुए वित्तीय वर्ष में 21.06 बिलियन अमरीकी डॉलर का साझा कारोबार दर्ज किया।
इस मौके पर निवेश प्रोत्साहन मंत्री अनमोल गगन मान, मुख्य सचिव विजय कुमार जंजूआ, प्रमुख सचिव दिलीप कुमार, सी.ई.ओ. इन्वैस्ट पंजाब कमल किशोर यादव, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव रवि भगत और कुमार अमित के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
टाटा ग्रुप के कार्यालय में उप प्रधान वित्तीय कार्यों और कॉर्पोरेट रिपोर्टिंग संजिब नन्दा, उप प्रधान कॉर्पोरेट सर्विस्ज़ चाणक्य चौधरी और एम.डी. टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स आशीष अनुपम भी उपस्थित थे।