रायपुर: बघेल सरकार कई जनहितकारी योजनाएं चला रही हैं। इन योजनाओं का लाभ प्रदेश की जनता तक पहुंच भी रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में आजीविका एवं रोजगार सृजन की असीम संभावनाएं हैं। शासन के अ˜ुत नवाचार रीपा के अंतर्गत लघु उद्यम के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सशक्त अधोसंरचना का निर्माण किया जा रहा है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर बदल रही है।
कल्लूबंजारी ग्राम की कहानी
छुरिया विकासखंड के ग्राम कल्लूबंजारी की जमीन बंजर थी, वहां अब रीपा की अधोसंरचना ने आकार लिया है। यहां 60 लाख रूपए की लागत से मसाला यूनिट, चना-मुर्रा यूनिट, सिलाई मशीन, कारपेंटर, तार फेंसिंग, तेलघानी यूनिट, गुलाल यूनिट, फ्लाईऐश ब्रिक्स यूनिट लगाये गये हैं और कार्य करने के लिए वर्क शेड बनाए गए हैं। कलेक्टर श्री डोमन सिंह के मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत सीईओ श्री अमित कुमार के निर्देशन में रीपा की अधोसंरचना के लिए विशेष कार्य किये गये हैं। उत्सुकता, ऊर्जा एवं उत्साह से भरपूर समूह की महिलाएं एवं लघु उद्यमी यहां कार्य कर रहे हैं और सीख रहे हैं। एक समय था जब यहां पलायन होता था लोग हैदराबाद, भंडारा, गोंदिया, नागपुर तक कार्य की तलाश में जाते थे, लेकिन अब रूरल इंडस्ट्रियल पार्क प्रारंभ होने से उन्हें यहीं अपने गांव में रोजगार मिल गया है।
मसले से हुई अच्छी कमाई
मसाला यूनिट में गायत्री स्वसहायता समूह की महिलाओं को हल्दी, धनिया, मिर्च पीसकर 8 हजार रूपए का मुनाफा हुआ है। मोर गांव के मसाला… नाम से मसाले की ब्रांडिंग की गई हैं, वहीं पैकेजिंग भी की जा रही है। सुंगधित किफायती मसालों की स्थानीय बाजार में बिक्री हुई है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती मोतिन पटेल दिव्यांग है लेकिन बहुत सक्रिय हैं और गांव की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं। वे अपनी ट्राइसाइकिल से आती हैं और सभी मिलकर मसाला पीसने का कार्य कर रहे हैं। श्रीमती वर्षा चौधरी ने कहा कि गांव में ही रोजगार मिलने से अब कार्य की तलाश में बाहर नहीं जाना पड़ता है। उन्होंने रीपा की सौगात के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को शुक्रिया कहा।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का पलायन रूका
गांव के सरपंच श्री डोमैन कुमार पटेल ने कहा कि समूह की महिलाओं तथा युवा उद्यमियों को यहां आजीविका के लिए अवसर मिला है। नया कार्य सीखने से इनकी आमदनी बढे़गी। चना-मुर्रा यूनिट में समूह की महिलाएं चना, मुर्रा के साथ ही पॉपकार्न भी बना रही हैं। यहा उगता सूरज स्वसहायता समूह की 7 महिलाएं कार्य कर रही हैं। श्रीमती राखी मंडामे ने कहा कि यहां कार्य करने से बहुत खुशी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का पलायन रूक गया है और घर के पास ही रोजगार मिल गया है। फ्लाईऐश ब्रिक्स यूनिट में मां बंजारी युवा समिति के 10 युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ है। प्रारंभिक स्तर पर कार्य प्रारंभ करते हुए ऊर्जा एवं उत्साह से भरपूर युवाओं की टोली ने 7 हजार ईंट बना लिए हैं।