रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं के लिए योजनाएं चला रही है। गौठानों से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूहों को अब विविध आयमूलक गतिविधियों के संचालन के साथ-साथ गोबर से प्राकृतिक पेंट के उत्पादन से भी आय होने लगी है। गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट, डिस्टेम्पर और पुट्टी से 5 करोड़ 61 लाख 72 हजार रूपए की आय हुई है।
वर्तमान में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए गौठानों में 52 यूनिटें स्थापित की जा चुकी है, जिसमें से 50 यूनिटों में गोबर से प्राकृतिक पेंट उत्पादन किया जा रहा है। क्रियाशील यूनिटों के माध्यम से अब तक 2,44,073 लीटर प्राकृतिक पेंट, 1,12,212 लीटर डिस्टेम्पर तथा 9064 किलो पुट्टी का उत्पादन किया गया है, जिसमें से 1,91,132 लीटर प्राकृतिक पेंट, 83,162 लीटर डिस्टेम्पर तथा 2840 किलो पुट्टी के विक्रय से कुल 5 करोड़ 61 लाख 72 हजार रूपए की आय हुई है।
गौठानों में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित किए गए हैं, जहां महिला समूहों एवं ग्रामीण उद्यमियों द्वारा विविध प्रकार की आयमूलक गतिविधियां संचालित की जा रही है। महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा गौठानों में वर्मी खाद का उत्पादन सामुदायिक बाड़ी से सब्जी उत्पादन, मशरूम उत्पादन, मछली, बकरी, मुर्गी पालन, पशुपालन, गोबर, दीया, गमला, अगरबत्ती तथा अन्य गतिविधियां संचालित की जा रही है, जिससे महिला समूहों को आय हो रही है। गौठानों से 18090 महिला स्व-सहायता समूह जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 2,12,336 है। आयमूलक गतिविधियों से महिला समूहों 176.72 करोड़ रूपए की आय हो चुकी है।