Amit Shah on Naxalism: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ से नक्सलियों के खात्मे के लिए मार्च 2026 की समय सीमा तय की है। ऐसे में साल 2025 नक्सलियों के लिए काल बनकर आया है। फोर्स के दबाव में नक्सली लगातार अपना ठिकाना बदल रहे हैं और मुठभेड़ में मारे जा रहे हैं। अब तक करीब 80 नक्सली मारे जा चुके हैं। इस बीच बस्तर के आईजी पी सुंदरराज ने बताया कि जनवरी 2024 से अब तक 310 माओवादी मारे जा चुके हैं। आईजी ने कहा कि बस्तर संभाग में 400 कैडर बचे हैं। 2021 से अब तक 385 माओवादी मारे जा चुके हैं।
आईजी ने बताया कि नक्सलियों की केंद्रीय समिति काफी कमजोर हो चुकी है। उनके पास केवल 12-14 सक्रिय कमांडर बचे हैं। ये संख्या बताती है कि वे मार्च 2026 तक केंद्रीय गृह मंत्री के सकंल्प को पूरा करने में समक्ष हैं। आईजी ने आगे कहा कि बस्तर संभाग में अब केवल 1200 माओवादी बचे हैं। आईजी ने आगे कहा कि उनके सामने हिंसा छोड़कर सरेंडर करने का विकल्प खुला है।
2021 से अब तक 385 नक्सलियों का खात्मा
टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में पी सुंदरराज ने बताया कि 2021 से अब तक 385 नक्सलियों के मारे जाने के बाद बस्तर में लगभग 400 कैडर बचे हैं। वहीं 800 लोग ऐसे हैं जो सपोर्ट सिस्टम के तौर पर काम करते हैं। ये सभी लोग सांस्कृतिक विंग के सदस्य हैं। बटालियन 1 का नेतृत्व खूंखार माओवादी मादवी हिडमा कर रहा है। जिसके क्षेत्र में अब सुरक्षा बलों का कब्जा है। वहां पर पुलिस शिविरों के कारण सड़क, पानी और बिजली जैसी जरूरतें पूरी हो रही हैं।
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अंतिम समाधान शांति वार्ता
पूर्व माओवादी बदरन्ना, जो अब जगदलपुर में रहते हैं। उनका मानना है कि नक्सलवाद का अंतिम समाधान शांति वार्ता है। एक्सपर्ट ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ये संख्याएं केवल एक धारणा है। नक्सलियों की सटीक संख्या बताना संभव नहीं है। एक आंतरिक सुरक्षा एक्सपर्ट ने कहा कि माओवादियों को हाल ही में भारी नुकसान हुआ है। इससे उनकी आक्रामता खत्म हो गई है।
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