रायपुर: सीएम भूपेश बघेल के निर्देशन में राज्य शासन द्वारा पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने हेतु ‘छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति 2020’ का राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 18 अप्रैल 2020 से कर इसे 05 वर्ष के लिए लागू किया गया है। छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति 2020 के तहत स्थानीय उद्यमियों एवं निजी निवेशकों हेतु पर्यटन प्रोत्साहन, पी.पी.पी. मॉडल पर पर्यटन विकास के लिए आवश्यक प्रावधान किए गए हैं साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में चिन्हांकित पर्यटन स्थलों में से प्राथमिकता के आधार पर पर्यटन स्थलों का विकास कर उसे सुगम बनाने की कार्ययोजना है।
जल पर्यटन-
राज्य में जल पर्यटन की पर्याप्त संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश के 09 जलाशयों यथा मुरूमसिल्ली, गंगरेल डैम धमतरी, हसदेव बांगो जलाशय कोरबा, संजय गांधी जलाशय (खूटाघाट) रतनपुर, सरोधा जलाशय कबीरधाम, समोधा बैराज, कोडार जलाशय रायपुर मनालिया जलाशय गौरेला और दुधावा जलाशय कांकेर का चयन किया गया है।
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राम वनगमन पथ-
प्रदेश में राम वन गमन पथ में आने वाले 75 स्थलों का चयन किया गया है। प्रथम चरण में 10 स्थानों सीतामढ़ी हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, चंपारण्य, तुरतुरिया, चन्दरखुरी, राजिम, सिहावा सप्तऋषि आश्रम, जगदलपुर एवं रामाराम के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए 162 करोड़ रूपए के बजट प्रावधान किया गया है। चंदखुरी, शिवरीनारायण ,राजिम और चंपारण्य में शुरुआती चरणों के कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं।
ट्रायबल टूरिज्म सर्किट-
राज्य में ‘ट्रायबल टूरिज्म सर्किट’ के अन्तर्गत ईको रिसॉर्ट कुरदर जिला बिलासपुर, बैगा एथनिक रिसॉर्ट सरोधादादर जिला कबीरधाम, हिल मैना हाईवे ट्रीट नथियानवागांव जिला कांकेर, धनकुल एथनिक रिसॉर्ट जिला कोण्डागांव, सरना एथनिक रिसॉर्ट बालाछापर जिला जशपुर, कोईनार हाईवे ट्रीट कुनकुरी जिला जशपुर, सतरेंगा बोट क्लब एण्ड रिसॉर्ट जिला कोरबा और साइट अमेनिटी महेशपुर जिला सरगुजा का लोकार्पण किया जा चुका है।