रायगढ़: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में डेंगू के मरीजों को लेकर एक अच्छी खबर है। अब तक मिले 693 मरीजों में से 546 लोग डेंगू को मात देकर पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं, 145 लोगों का इलाज जारी है, जिनमें से अधिकांश लोग घर पर ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग से डॉ. भानु पटेल ने बताया कि डॉक्टरों की टीम मरीजों की लगातार निगरानी कर रही है।
डेंगू के इलाज के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक डेंगू के उपचार के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं। इसके साथ ही डेंगू के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए भी कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने मार्गदर्शन में नगर निगम और स्वास्थ्य का अमला लगातार कार्य कर रहा है। सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। जन-जागरूकता अभियान के कारण डेंगू लार्वा को नष्ट करने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि 78 फीसदी के करीब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं, जो कि अच्छी बात है। वहीं इलाजरत मरीजों में से दो तिहाई से अधिक घर पर रहकर इलाज करवा रहे हैं।
लक्षण दिखने पर सतर्कता जरूरी
डॉ.पी.के.गुप्ता ने बताया कि डेंगू संक्रमित अधिकांश लोग सही इलाज और एहेतियात के साथ जल्द स्वस्थ हो जाते हैं। लक्षण के बाद भी जांच करवाने और डॉक्टरी परामर्श लेने में देरी करना उचित नहीं है, किसी अन्य प्रकार की गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, तो उन्हें खास सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है। डेंगू के लक्षण दिखने पर तुरंत ब्लड टेस्ट कराना और डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए।
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डेंगू के लक्षण- तेज बुखार आना, तेज सिर दर्द होना, आंखों के नीचे दर्द, स्किन पर लाल चकते होना, जॉइंट और मसल्स में दर्द, ज्यादा थकान होना, उल्टी और मतली, पेट में दर्द होना।
कैसे करें बचाव
डॉक्टर कहते हैं कि डेंगू फीवर से बचने के लिए आपको मच्छरों से बचाव करना होगा। मच्छरों से बचने के लिए मॉस्किटो रेपेलेंट क्रीम या लोशन लगाएं। रात्रि के समय मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए। बुखार आने पर डॉक्टर से सलाह लेकर ब्लड टेस्ट कराना चाहिए। अगर आप शुरुआती स्टेज पर इसका इलाज शुरू कर देंगे, तो आप शीघ्र ही डेंगू से रिकवर कर सकते हैं।
आयुष्मान कार्ड धारकों को उपचार के निर्देश
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन में डेंगू मरीजों के उपचार के लिए जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में विशेष वार्ड बनाए गए हैं। जिला अस्पताल में 30 बिस्तर और मेडिकल कॉलेज में 50 बिस्तर का वार्ड तैयार किया गया है। इसके अतिरिक्त सभी पीएचसी और सीएचसी में भी बेड की व्यवस्था की गई है। दवाइयों और जांच किट भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। आयुष्मान कार्ड लेकर आने वालों को कार्ड के तहत उपचार करने के निर्देश दिए गए हैं।
(Zolpidem)
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