सीएम भूपेश बघेल ने शनिवार को राजीव युवा मितान सम्मेलन को संबोधित करते हुए वजीफा प्रावधान समाप्त करने की घोषणा की थी। बता दें कि यह प्रावधान वर्तमान सरकार ने 2020 में लागू किया था। इसके तहत सीधी भर्ती से नियुक्त हुए सरकारी कर्मचारी को पहले, दूसरे और तीसरे वर्ष तक मूल वेतन का 70, 80 और 90 फीसदी वजीफा मिलने का प्रावधान किया गया था।
कोविड के कारण लिया गया था निर्णय
अधिकारी ने मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि नियुक्ति के चौथे साल में कर्मचारी को पूरा वेतन दिया जाता था। उन्होंने बताया कि इससे पहले परिवीक्षा अवधि 2 साल की थी, लेकिन कर्मचारी की नियुक्ति होते ही पूरा वेतन मिलता था। उन्होंने बताया कि सरकार ने जुलाई 2020 में कोविड से उपजे हालातों को देखते हुए यह निर्णय लिया था। इसके बाद सरकार ने कर्मचारियों की परिवीक्षा अवधि 2 से बढ़ाकर 3 साल कर दी और चैथे साल से कर्मचारी पूरा वेतन देने का फैसला किया गया था।