बस्तर संभाग में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन तथा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का प्रभावी क्रियान्वयन क्षेत्र के लिए एक बड़ा परिवर्तन साबित हो रहा है। बस्तर के 6 जिला चिकित्सालयों, 2 सिविल अस्पतालों और 41 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल प्रणाली का सफल संचालन किया जा रहा है, जिससे ओपीडी पंजीकरण, परामर्श, जांच, दवा वितरण तथा मरीजों की स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियां अब एक डिजिटल मंच पर उपलब्ध हो रही हैं। इसके तहत मरीजों को बेहतर और समयबद्ध सेवाएं मिल रही हैं। डिजिटल तकनीक के इस समावेशन ने अस्पतालों में पारदर्शिता, कार्यकुशलता और मरीजों की संतुष्टि में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
‘बस्तर मॉडल हर जिले में होगा लागू’
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर संभाग में नेक्स्ट जेन ई-हॉस्पिटल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन जैसी आधुनिक तकनीकों के सफल क्रियान्वयन ने स्वास्थ्य सेवाओं को नई गति और दिशा दी है। डिजिटल पंजीकरण, हेल्थ रिकॉर्ड और पारदर्शी सेवा प्रणाली से मरीजों को समयबद्ध, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल रहा है। यह पहल न केवल बस्तर के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल है, जिसे हम शीघ्र ही राज्य के सभी जिलों में लागू कर करेंगे।
मरीजों की बन रही आभा आईडी
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत अस्पतालों का हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्रेशन (HFR) और चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ का हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्रेशन (HPR) सुनिश्चित किया गया है। अस्पताल परिसरों में आभा कियोस्क स्थापित कर मरीजों को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) बनाने की सुविधा दी जा रही है। स्कैन एंड शेयर एवं आभा आईडी के माध्यम से ऑनलाइन ओपीडी पंजीयन की सुविधा से मरीजों को लम्बी कतारों से राहत मिली है और उन्हें त्वरित सेवाएं मिल रही हैं।
3 महीने में 53 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन आभा से
जिला चिकित्सालय बस्तर में मई, जून और जुलाई 2025 के दौरान कुल 60,045 ओपीडी पंजीयन हुए। इसमें से 32,379 पंजीयन आभा लिंक के माध्यम से हुए। जो कि कुल पंजीयनों का 53% है। इसी अवधि में जिला चिकित्सालय दंतेवाड़ा में 33,895 ओपीडी पंजीयन दर्ज हुए, जिनमें से 13,729 पंजीयन आभा से लिंक किए गए यानी 40% का डिजिटल एकीकरण। यह पूरी प्रक्रिया न केवल समय बचाती है, बल्कि मरीजों के लिए डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड की सुविधा भी प्रदान कर रही है।