---विज्ञापन---

छत्तीसगढ़

‘सीजफायर भारत के साथ मजाक और खिलवाड़, सिंदूर के नाम पर राजनीति’, बोले- AAP सांसद संजय सिंह

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने छत्तीसगढ़ में AAP के संगठनात्मक विकास पर चर्चा की। उन्होंने पीएम मोदी के सिंदूर बयान को कठोर शब्दों में आलोचना की और नक्सलवाद, सीजफायर समेत कई विषयों पर अपनी राय व्यक्त की। पढ़ें नितिन नामदेव के साथ क्या बोले संजय सिंह।

Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: May 24, 2025 22:21
AAP Leader Sanjay Singh

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह रायपुर पहुंचे और धमतरी में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। News24 से बातचीत करते हुए संजय सिंह ने राज्य में AAP की मजबूती पर अपनी राय दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सिंदूर’ वाले बयान पर कहा कि प्रधानमंत्री के शरीर में सिंदूर नहीं, नौटंकी बह रही है। उनका यह बयान शर्मनाक है। वे सिंदूर का मजाक उड़ा रहे हैं और सिंदूर के नाम पर वोट की राजनीति कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी को लेकर संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी को सीट देना या नहीं देना जनता का काम है। यहां AAP मजबूत संगठन के निर्माण की ओर बढ़ रही है। संदीप पाठक का यह गृह राज्य है। वे पढ़े-लिखे और योग्य व्यक्ति हैं। उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में AAP अच्छा काम करेगी और आगे बढ़ेगी।

---विज्ञापन---

नक्सलवाद को लेकर क्या बोले संजय सिंह?

छत्तीसगढ़ में जारी नक्सल ऑपरेशन और मार्च 2026 तक नक्सल खत्म होने पर संजय सिंह ने कहा कि मैं हिंसा का समर्थन नहीं करता। नक्सलवाद को खत्म करना अच्छी बात है, लेकिन आर्थिक नक्सलवाद जो छत्तीसगढ़ पर थोप रहे हैं, उसका क्या मतलब है? आर्थिक नक्सलवाद के रूप में जंगलों को काटा जा रहा है, प्राकृतिक संसाधनों के साथ खिलवाड़ हो रहा है। आयरन, कोयला और जमीन पर नजर रखी जा रही है। जो आर्थिक नक्सलवाद का जाल बढ़ रहा है, वह छत्तीसगढ़ के लोगों और यहां के भविष्य के लिए ठीक नहीं है।

जल, जंगल, जमीन पर उठाए सवाल

संजय सिंह ने कहा कि मैंने दिल्ली में छत्तीसगढ़ के जल, जंगल और जमीन को लेकर सवाल उठाए हैं। मेरा मानना है कि जनता के हित में प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग होना चाहिए। राज्य की तरक्की और विकास के लिए इन संसाधनों का सही विकास जरूरी है। यदि ये संसाधन पूरी तरह से प्राइवेट कंपनियों और प्रधानमंत्री के दोस्तों के कब्जे में रहेंगे, तो यह छत्तीसगढ़ के हित में नहीं होगा।

---विज्ञापन---

सीजफायर भारत के साथ मजाक और खिलवाड़

संजय सिंह ने कहा कि सीजफायर भारत के स्वाभिमान और सम्मान के साथ बड़ा मजाक और खिलवाड़ था, जो प्रधानमंत्री ने ट्रंप के दबाव में किया। दोनों देशों के बीच सीजफायर कराया गया, जबकि पाकिस्तान का असली व्यापार हिंदुस्तान के साथ है, अडानी के साथ है। अमेरिका में अडानी के साथ रिश्वतखोरी का मामला चल रहा है। ट्रंप के एडमिशन से रिश्वतखोरी का मामला वापस लेना 10 मई की घटना है। मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि क्या देश के स्वाभिमान के लिए उन्होंने अपने दोस्त के लिए यह सौदा कर दिया?

उन्होंने कहा कि दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था का सीजफायर अमेरिका डिक्लेयर करे, इससे ज्यादा शर्मनाक क्या हो सकता है? हमारी सेना बहादुरी से पाकिस्तान से मुकाबला कर रही थी, POK पर कब्जा कर सकती थी, 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बना सकती थी। ऐसे समय में सीजफायर डिक्लेयर किया जाना बड़ा सवालिया निशान है। प्रधानमंत्री को इस फैसले के पीछे की वजह जनता को बतानी चाहिए। ट्रंप ने क्यों दबाव बनाया था?

PM मोदी के सिंदूर वाले बयान को संजय सिंह ने बताया नौटंकी

संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के शरीर में ‘नौटंकी’ बह रही है, और कुछ नहीं। वे लाइट, कैमरा, एक्शन के हीरो और विलेन दोनों हैं। वे अच्छी तरह जानते हैं कि किस चीज की मार्केटिंग कैसे करनी है और कैसे बचना है। चार खूंखार आतंकवादी खुले घूम रहे हैं, उन्हें मारा या गिरफ्तार नहीं किया गया। सरकार सिर्फ बताती रही कि ऑपरेशन जारी है। वे हमारे शरीर में नसों में ‘सिंदूर’ बह रहा है, यह सिंदूर का मजाक उड़ाना और वोट की राजनीति करना है।

छत्तीसगढ़ में बीजेपी की तिरंगा यात्रा और कांग्रेस की संविधान बचाव यात्रा पर संजय सिंह ने कहा कि मैं तिरंगा यात्रा का विरोधी नहीं हूं। लेकिन आप जब तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं, तो उन सवालों का जवाब भी दीजिए। ट्रंप ने किसका व्यापार बंद करने की धमकी दी, जिसके आधार पर आपने सीजफायर किया? आपने सीजफायर क्यों किया? इसे स्पष्ट करें।

छत्तीसगढ़ में चल रही वक्फ बोर्ड की कार्यवाही पर उन्होंने कहा कि जिस बिल का जिक्र हो रहा है, उसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। मैं वक्फ के जेपीसी में था। यह गैर संवैधानिक कानून है। गैर संवैधानिक इसलिए क्योंकि संविधान मोदी जी ने नहीं बनाया है। संविधान डॉ. भीमराव अंबेडकर ने बनाया है। अनुच्छेद 25 से 29 तक साफ लिखा है कि इस देश के रहने वाले अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोगों को अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा-अर्चना, इबादत करने की आजादी है। यह हमारा संवैधानिक अधिकार है, इसे मोदी जी कैसे छीन सकते हैं?

First published on: May 24, 2025 10:20 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें