प्रयागराजः जुलाई 2001 में मऊ के तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला करने वाले माफिया बृजेश सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा ने उनकी जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए निजी मुचलके और दो प्रतिभूतियों के साथ रिहा करने का आदेश दिया है।
हमले में तीन लोगों की हुई थी मौत
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के यूसुफपुर कासिमाबाद मार्ग पर मऊ के तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी के काफिले पर माफिया बृजेश सिंह ने हमला किया था। यह घटना जुलाई 2001 में हुई थी। बृजेश सिंह ने अपने साथियों के साथ मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला कर मुख्तार के गनर और एक सहयोगी मारा डाला था। इसके अलावा नौ अन्य लोग घायल भी हुए थे। बाद में एक और की मौत हो गई थी।
मुख्तार अंसारी ने दर्ज कराया था मुकदमा
अपने ऊपर हुए हमले के बाद मुख्तार अंसारी ने बृजेश और त्रिभुवन सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने बृजेश सिंह को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। वह तभी से लगातार जेल में थे। वहीं हाईकोर्ट में बृजेश के वकील की ओर से तर्क दिया गया कि उन्हें रंजिशन फंसाया गया है।
मुख्तार के वकील ने जमानत का विरोध किया
आपको बता दें कि जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी पक्ष के वकील ने इसका विरोध भी किया। कहा कि बृजेश सिंह (याची) घटना का मुख्य आरोपी है। तत्कालीन विधायत मुख्तार अंसारी पर हमले के दौरान तीन लोगों की मौत भी हुई थी। वहीं हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के आधार पर जमानत मंजूर करते हुए रिहाई का आदेश दिया है।