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बिहार में क्यों बुझी तेजस्वी की लालटेन? CM फेस होते हुए किन चुनौतियों में पिछड़ गए लालू यादव के लाल

Tejashwi Yadav performance Anyalsis: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में तेजस्वी यादव की लालटेन बुझती नजर आ रही है और महागठबंधन को पिछले चुनाव से भी कम सीटें मिलती दिख रहीं. महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा होते हुए तेजस्वी के सामने ऐसी कौन सी चुनौतियां रहीं, जिन्हें पार करने में विफल रहे लालू यादव के लाल.

Author Written By: News24 हिंदी Updated: Nov 14, 2025 14:07
Bihar Election 2025 | Tejashwi Yadav | RJD
किन चुनौतियों में पिछड़ गए तेजस्वी

Tejashwi Yadav performance Anyalsis: बिहार चुनाव के नतीजों में संभावित हार के साथ तेजस्वी यादव की पार्टी राजद की लालटेन बुझती जा रही है. 35 सीटों की बढ़त के बावजूद राजद का प्रदर्शन पिछले चुनाव नतीजों से भी कमजोर दिखाई दे रहा. इसके पीछे स्पष्ट तौर पर उनके पिता लालू प्रसाद यादव के मुख्यमंत्री कार्यकाल की छाया है. भाजपा ने लालू के कार्यकाल को जंगलराज का ठप्पा देते हुए इसे नारे में तब्दील कर दिया और तेजस्वी और उनके परिवार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को भी उजागर किया. तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए राजद के शासन को जंगल राज बताते हुए मौजूदा सरकार को राक्षस राज करार दिया. 171 जनसभाओं में उन्होंने बेचैन मतदाताओं को यह विश्वास दिलाया कि उनका ध्यान बेरोजगारी, आरक्षण और संविधान बचाने जैसे मुद्दों पर केंद्रित है, वह मनचाहा बदलाव ला सकते हैं, लेकिन मतदाता उनके वादों से संतुष्ट नहीं हुए.

पिता को पोस्टरों से हटाया पर आरोप न हटे

जंगल राज का ठप्पा हटाने के लिए तेजस्वी ने राजद सुप्रीमो लालू यादव को पोस्टरों से हटा दिया, लेकिन फिर भी उन्हें अपने परिवार की विवादास्पद विरासत का खामियाजा भुगतना पड़ा. रुझानों के अनुसार, राजद 34 सीटों के साथ आगे चल रही थी, जो 2020 के चुनावों की तुलना में 41 सीटों का नुकसान दर्शाता है. इसके अलावा, गठबंधन सहयोगी कांग्रेस भी 8 सीटों पर आगे चल रही थी, जो 2020 के चुनावों की तुलना में 11 सीटों से पीछे थी. भाजपा और जद(यू) दोनों ही नियमित रूप से राजद के 15 साल के कुशासन की यादें ताज़ा करते रहे. तेजस्वी पर कथित IRCTC होटल मामले में भ्रष्टाचार के आरोप भी हैं. राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने हाल ही में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी की IRCTC होटल भ्रष्टाचार मामले में सुनवाई के खिलाफ याचिका खारिज कर दी.

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मुस्लिम-यादव वोटों को साथ लाने में नाकाम

तेजस्वी के लिए चुनौती मुस्लिम-यादव वोटों को बनाए रखने के साथ-साथ उच्च वर्ग में पकड़ मजबूत बनाने को लेकर थी, लेकिन तेजस्वी नाकाम रहे. वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने क्लीन इमेज, महिलाओं को लेकर उनकी नीतियों, शराबबंदी जैसे फैसलों से जनता का भरोसा कायम रखा. उनकी विकास-केंद्रित राजनीति मतदाताओं के साथ तालमेल बिठाती रही है, जिससे सत्ता में 20 से अधिक वर्षों के बाद उनकी प्रासंगिकता बनी हुई है. कांग्रेस ने अपना निराशाजनक प्रदर्शन जारी रखा, जिससे महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ गईं. कांग्रेस ने भी 2015 में जीती 27 सीटों से 2020 में 19 सीटों पर प्रदर्शन में गिरावट देखी. 2015 में, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) उच्च अंतर से जीत के मामले में प्रमुख पार्टी थी, जिसने 15% से अधिक के अंतर से 29 सीटें हासिल की थीं.

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First published on: Nov 14, 2025 02:07 PM

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