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बिहार

तेजस्वी यादव का वोटर आईडी कार्ड मिला फर्जी तो क्या हो सकती है कार्रवाई? चुनाव आयोग कर रहा जांच

Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव का आरोप है कि उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है। वहीं, चुनाव आयोग ने उनकी इस बात का खंडन किया है। अब इस पूरे मामले की जांच शुरू हो गई है। बता दें बिहार में कुल 243 विधानसभा हैं और यहां इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं।

Author Written By: Amit Kasana Author Published By : Amit Kasana Updated: Aug 3, 2025 10:48
Tejashwi Yadav Election Commission Fake Voter ID Card Nitish Kumar Lalu Yadav
तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर लगाया आरोप

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा 2025 के नजदीक आते ही प्रदेश की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। शनिवार को राजद नेता और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपना नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नहीं होने का दावा किया। अपनी बात साबित करने के लिए उन्होंने बाकायदा अपने वोट आईडी कार्ड का एपिक नंबर भी जारी किया था।

तेजस्वी के आरोपों के बाद बिहार राजनीति में हंगामा बरपा हुआ है। राजद, बीजेपी और जेडीयू समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग इस मुद्दे पर बयानबाजी कर रहे हैं। तेजस्वी के दावों के बाद चुनाव आयोग का भी जवाब आया। चुनाव आयोग के अनुसार तेजस्वी ने जो एपिक नंबर जारी किया है पिछले 10 सालों से उसका कोई रिकॉर्ड ही नहीं मिला है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने वो एपिक नंबर जारी किया जिसे तेजस्वी ने बीते चुनावों में अपने चुनावी हलफनामे में दायर किया था। आइए आपको इस खबर में बताते हैं कि इंडिया में दो या दो से अधिक वोटर आईडी रखने पर क्या सजा हो सकती है।

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भारत में दो या दो से अधिक वोटर आईडी कार्ड रखने पर क्या हैं नियम?

चुनाव आयोग के अनुसार भारत में दो या दो से अधिक वोटर आईडी कार्ड रखना गैरकानूनी है। ऐसा करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है। दिल्ली हाई कोर्ट के वकील देवेंद्र कुमार डेढ़ा ने बताया कि ऐसा करने वाले को एक साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। बता दें ये मामले रेप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट, 1950 के अंतर्गत आते हैं। इस नियम की धारा 17 और 31 में इसे क्राइम की श्रेणी में रखा गया है। देश के कानून में इसी के तहत ऐसे केसों की सुनवाई और सजा का प्रावधान है।

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पहले नोटिस जारी, फिर वोटर लिस्ट से भी हट सकता है नाम

दो वोटर आईडी कार्ड बनवाने को लेकर चुनाव आयोग काफी सख्त है। नियमों के अनुसार अगर शख्स दोहरे मतदाता पंजीकरण का यूज कर वोट कर दे तो तो इसे गंभीर अपराध माना जाता है। कई बार राज्य बदलने या पता बदलने पर लोग नए पते पर वोटर आईडी कार्ड बनवा लेते हैं और पुराने पते से अपना नाम मतदाता सूची से हटवाना भूल जाते हैं। ऐसे मामलों में चुनाव आयोग ऐसे लोगों को पहले नोटिस जारी कर जवाब मांगता है। फिर वोटर लिस्ट से नाम हटाने की कार्रवाई कर सकता है। यदि आपके पास गलती से दो वोटर आईडी हैं, तो आप चुनाव आयोग की वेबसाइट (NVSP.in) या नजदीकी निर्वाचन कार्यालय में संपर्क कर एक जगह से नाम आसानी से हटवा सकते हैं। इसके लिए आपको फॉर्म 7 भरना होगा।

ये भी पढ़ें: क्या है EPIC नंबर और तेजस्वी यादव के पास 2 कहां से आए? चुनाव आयोग ने शुरू की जांच

Frequently Asked Questions

चुनाव आयोग की वेबसाइट (NVSP.in) या नजदीकी निर्वाचन कार्यालय में संपर्क कर एक जगह से नाम आसानी से हटवा सकते हैं। इसके लिए आपको फॉर्म 7 भरना होगा।
बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होंगे। यहां कुल 243 विधानसभा सीट हैं।
First published on: Aug 03, 2025 10:25 AM

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