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तेजस्वी यादव की क्या है प्लानिंग? बड़े संकेत दे रहा ताजा बयान

Tejashwi Yadav Planning Amid Political Crisis In Bihar: पटना में लालू यादव के आवास पर हुई राजद की बैठक में तेजस्वी यादव ने संकेत दिया है कि राज्य की राजनीति में जल्द ही कुछ बड़ा हो सकता है।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Jan 27, 2024 20:36
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Tejashwi Yadav
झारखंड की राजधानी रांची में INDIA गठबंधन की उलगुलान रैली।

Tejashwi Yadav Planning Amid Political Crisis In Bihar : बिहार की राजनीति इस समय अलग ही संकट का सामना कर रही है। अभी तक भाजपा के खिलाफ आवाज उठाते रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर अटकलें चल रही हैं कि वह फिर भगवा दल के साथ जा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो राज्य में महागठबंधन टूट जाएगा। इन सब चर्चाओं के बीच शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं ने पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के आवास पर बैठक की। इस बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी थे।

बैठक में तेजस्वी ने नीतीश कुमार को लेकर भी बात की। समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सम्माननीय हैं लेकिन कई ऐसी चीजें हैं जिनपर उनका नियंत्रण नहीं है। महागठबंधन में राजद के सहयोगियों ने हमेशा मुख्यमंत्री का सम्मान किया है। सूत्रों के अनुसार तेजस्वी ने इस दौरान ऐसे संकेत भी दिए कि राज्य में कभी भी कुछ बड़ा हो सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मेरे साथ मंच पर बैठकर पूछते थे कि बिहार में 2005 से पहले क्या था? मैंने इस पर कभी रिएक्ट नहीं किया।

राज्य में अभी खेल होना बाकी है: तेजस्वी

तेजस्वी ने आगे कहा कि अब पहले से ज्यादा लोग हमारे साथ हैं। जो काम दो दशक में होने से बच गया था हमने उसे बहुत कम समय में कर लिया। चाहे वह नौकरियां हों, जाति जनगणना हो या आरक्षण में इजाफा हो। उन्होंने कहा बिहार में अभी खेल होना बाकी है। बता दें कि बिहार के सत्ताधारी गठबंधन में राजद सबसे बड़ी पार्टी है। 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में राजद के कुल 79 विधायक हैं। इसके बाद भाजपा आती है जिसके 78, नीतीश कुमार की जदयू (जनता दल यूनाइटेड) के 45 और कांग्रेस के केवल 19 विधायक हैं।

विपक्षी गठबंधन की एकता का क्या होगा

ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पलटी मार सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो 28 विपक्षी दलों वाले I.N.D.I.A गठबंधन की एकजुटता चूर-चूर हो जाएगी, जो पहले ही अंदरूनी समस्याओं से जूझ रहा है। उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार ने साल 2022 में भाजपा का साथ छोड़ा था और उसे केंद्र की सत्ता और नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए वही विपक्षी दलों को एक साथ लाने की पहल शुरू की थी। हालांकि, बिहार की राजनीति में क्या होने वाला है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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First published on: Jan 27, 2024 08:36 PM

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