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बिहार

लालू यादव इतने बड़े फैसले लेने के लिए क्यों हुए मजबूर, अब तेज प्रताप के पॉलिटिकल करियर का क्या होगा?

Tej Pratap Anushka Controversy: बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी पार्टियां चुनावी तैयारी में पूरे जोर-शोर से जुटी हुई है। इसी बीच लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव की शादी की चर्चा ने राज्य में सियासी हगांमा खड़ा कर दिया है। हालांकि, लालू यादव ने डैमेज कंट्रोल करते हुए तेज प्रताप यादव को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर निकाल दिया है। आइए जानते हैं आखिर लालू यादव ने इतना बड़ा फैसला क्यों लिया? पार्टी से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप के पॉलिटिकल करियर का क्या होगा? क्या इस वजह से तेज प्रताप कानूनी मुश्किल में पड़ सकते हैं?

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: May 25, 2025 17:27
Tej Pratap Anushka Controversy, Lalu prasad yadav।
लालू यादव ने बेटे तेज प्रताप को 6 साल के लिए RJD से निकाला।

बिहार में विधानसभा चुनाव होने की वजह से राज्य का सियासी पारा पहले से चढ़ा हुआ है। इस बीच लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप और अनुष्का को लेकर खड़ा हुए विवाद ने सत्ता पक्ष एनडीए और लालू के विरोधी पार्टियों को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है। हालांकि, राजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने डैमेज कंट्रोल करते हुए तेज प्रताप यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।

क्या कहा लालू यादव ने?

इस विवाद के सामने आने के बाद पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमजोर करता है। बड़े पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण औक गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। इसलिए उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं। अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है। अपने निजी जीवन का भला -बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें। लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूं। परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सावर्जनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है। धन्यवाद।’

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आखिर लालू ने क्यों लिया इतना बड़ा फैसला?

अब सवाल उठता है कि आखिर लालू प्रसाद ने अपने बड़े बेटे के खिलाफ इतना बड़ा फैसला क्यों लिया? अगर तेज प्रताप की पिछली गतिविधियों पर नजर डालें तो यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने परिवार और पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाला कदम उठाया है। इससे पहले भी तेज प्रताप अपनी हरकतों से परिवार और पार्टी का मजाक बना चुके हैं, लेकिन अब तक पार्टी या परिवार की तरफ से उनके खिलाफ कोई बड़ा फैसला नहीं लिया गया था। इस बार भी शायद इस मामले को इतना तूल नहीं दिया जाता, लेकिन चुनावी साल होने की वजह से पार्टी को बड़ा फैसला लेना पड़ा। राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस बार लालू प्रसाद यादव को पूरा यकीन है उनकी पार्टी सत्ता में वापसी करेगी और तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे। ऐसे में लालू यादव कोई ऐसा रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, जिससे विरोधी पार्टियां उनपर हावी हो सके। यही वजह है कि उन्होंने अपने ही बेटे को पार्टी से दूर करने का फैसला ले लिया।

तेज प्रताप यादव के पॉलिटिकल करियर का क्या होगा?

बिहार की राजनीति में हमेशा सुर्खियों में रहने वाले तेज प्रताप यादव आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े बेटे हैं। वो अपने अनोखे अंदाज और बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। फिलहाल वह समस्तीपुर जिले की हसनपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। इससे पहले तेज प्रताप ने 2015 में महुआ विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी। जिसके बाद उन्हें नीतीश कुमार की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी बनाया गया था। दोबारा जब नीतीश कुमार के साथ गठबंधन हुआ तो तेज प्रताप को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री बनाया गया। अब पार्टी से निकाले जाने के बाद सियासी गलियारें में इस बात की भी चर्चा हो रही है कि तेज प्रताप यादव के राजनीतिक करियर का क्या होगा?

तेज प्रताप यादव के अब तक के राजनीतिक करियर को देखा जाए तो उनकी पहचान लालू यादव के बेटे और उनकी पार्टी आरजेडी से जुड़ा रहा है, इससे अलग उनकी अपनी कोई बड़ी पहचान नहीं है। तेज प्रताप का कार्यकाल भी विवादों से भरा रहा है। तेज प्रताप अक्सर धार्मिक अवतारों, होली के त्योहार और अपने बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं। कभी वो भगवान शिव तो कभी कृष्ण के रूप में नजर आए हैं। सोशल मीडिया पर उनकी यह छवि युवाओं के बीच खासा लोकप्रिय रही है, लेकिन राजनीति में इसे ज्यादा महत्व नहीं दिया गया।

RJD पर क्या पड़ेगा प्रभाव?

लालू प्रसाद के इस फैसले से पार्टी और परिवार के अंदर एक नई लड़ाई शुरू होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। वहीं, तेज प्रताप के निकालने से आरजेडी को फायदा होगा या फिर विरोधी दलों को बड़ा मुद्दा मिल गया है, इसका खुलासा तो विधानसभा चुनाव के समय में ही होगा, लेकिन तेज प्रताप यादव परिवार, पार्टी और लालू प्रसाद यादव के लिए मुश्किलें खड़ा करते रहे हैं।

तेज प्रताप कानूनी मुश्किल में पड़ सकते हैं?

तेजप्रातप यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया था कि उनका और अनुष्का यादव का प्यार पिछले 12 साल से चल रहा है। लेकिन तेजप्रताप यादव चाहकर भी उनके साथ शादी नहीं कर सकते हैं और इसके पीछे वजह है आईपीसी की धारा 494। दरअसल, तेज प्रताप यादव का निजी जीवन भी चर्चा में रहा है। बिहार के पूर्व मंत्री चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय से 2018 में तेज प्रताप यादव की शादी हुई थी, लेकिन यह विवाह ज्यादा समय तक नहीं चला। बाद में तलाक की प्रक्रिया शुरू हुई। यह मामला अभी अदालत में लंबित है और तलाक की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हुई है यानी कानूनन तेजप्रताप अब भी शादीशुदा हैं। आईपीसी की इस धारा के तहत अगर कोई व्यक्ति अपनी पहली शादी के रहते हुए दूसरी शादी करता है, तो यह द्विविवाह (Bigamy) कहलाता है, जो एक गंभीर आपराधिक अपराध है। यानी तेजप्रताप अगर ऐश्वर्या राय से तलाक फाइनल होने से पहले अनुष्का यादव से शादी करते हैं, तो यह इस धारा के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

हिंदू विवाह अधिनियम 1955 में कहा गया है कि दोनों पक्षों को शादी के समय अविवाहित या तलाकशुदा होना चाहिए। इसका साफ मतलब है कि जब तक तेज प्रताप का तलाक कोर्ट से फाइनल नहीं हो जाता, तब तक वे किसी और से शादी नहीं कर सकते।

 

First published on: May 25, 2025 05:22 PM

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